संजलि हत्‍याकांड का खुलासा: पुलिस ने चचेरे भाई को बताया हत्यारा, दो रिश्तेदार गिरफ्तार

एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि ''संजलि का चचेरा भाई योगेश उसे पसंद करता था। लेकिन संजलि उसे नजरअंदाज कर रही थी। इसलिए योगेश उसे सबक सिखाना चाहता था। उसने अपने रिश्‍तेदारों को इसलिए चुना कि इस बात का जिक्र कहीं न हो।''

Update: 2018-12-25 07:55 GMT

लखनऊ। आगरा के संजलि हत्‍याकांड में आठवें दिन पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस के मुताबिक, संजलि के चचेरे भाई योगेश ने ही पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जलाया था। योगेश के साथ उसका ममेरा भाई विजय और विजय की बहन का देवर आकाश भी इस वारदात में शामिल था। जब संजलि की मौत में तफ्तीश योगेश तक पहुंची तो वो घबरा गया और जहर खाकर आत्‍महत्‍या कर ली। मामला एक तरफा प्‍यार का बताया जा रहा है।

एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि ''संजलि का चचेरा भाई योगेश उसे पसंद करता था। लेकिन संजलि उसे नजरअंदाज कर रही थी। इसलिए योगेश उसे सबक सिखाना चाहता था। उसने अपने रिश्‍तेदारों को इसलिए चुना कि इस बात का जिक्र कहीं न हो। घटना से पहले योगेश ने विजय और आकाश को संजलि को दिखाया भी था और रेकी भी की थी।'' पुलिस के मुताबिक योगेश शातिर किस्‍म का लड़का था। उसने इस काम के लिए विजय और आकाश को 15-15 हजार रुपए देने की बात भी कही थी।

वो जबह जहां संजल‍ि पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई गई। 

एसएसपी ने बताया कि, पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि घटना ही रोज (18 दिसंबर) योगेश ने आकाश को फोन किया और कहा कि 'आज काम करना है।' संजलि जैसे ही नवांमील चौराहे (जहां संजलि का स्‍कूल है) से अपने गांव लालऊ की ओर निकली तो ये लोग उसका पीछा करने लगे।

नवांमील से करीब एक किमी की दूरी पर जब सड़क पर कोई आता जाता नहीं दिखा तो योगेश ने इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि योगेश ही पेट्रोल लेकर आया था। वह संजलि का चेहरा जलाना चाहता था, लेकिन आग ज्‍यादा भड़क गई।

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बता दें, संजलि अशर्फी देवी छिदृदी सिंह इंटर कॉलेज में 10वीं में पढ़ती थी। 18 दिसंबर को स्‍कूल की छुट्टी के बाद संजलि आगरा जगनेर रोड़ पर साइकिल चलाते हुए घर लौट रही थी। संजलि के घर से करीब डेढ़ किमी की दूरी पर ही उसपर पेट्रोल छिड़का गया और आग लगा दी गई। घटना के बाद संजलि को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, जहां से उसे दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल रेफर कर दिया गया, जहां 20 दिसंबर को उसकी मौत हो गई।

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संजलि के घर के बाहर जुटी भीड़। 

इस बीच 20 दिसंबर को ही संजलि के चचेरे भाई योगेश ने भी जहर निगलकर आत्‍महत्‍या कर ली। हालांकि योगेश की मौत के बाद से ही उसके घर वाले पुलिस पर योगेश को प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहे हैं। योगेश के पिता तेज सिंह ने गांव कनेक्‍शन को बताया था कि ''पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया, जिसकी वजह से उसने जान दे दी। वो सीधा बच्‍चा था। पुलिस के संपर्क में कभी आया नहीं था। कभी थाना देखा नहीं था। गंदी बात पूछने से उसका दिल हिल गया। पुलिस ने उसको शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी।''

योगेश का घर। 

इस आरोप को पुलिस साफ तौर से इनकार करती है। आगरा के एसपी (वेस्ट) अखिलेश नारायण सिंह कहते हैं "19 दिसंबर को 6-7 बजे योगेश थाने पर आए। वहां चाय पी। उन्‍होंने बताया कि बहन (संजलि) हमसे बहुत घुली मिली है, मेरे पूछने पर वो सारी बात बता देगी। उन्‍होंने कहा हमको दिल्‍ली भेज दीजिए। उसके बाद एक गाड़ी कराई गई। उन्‍होंने कहा कि एक सिपाही दीजिए ताकि रास्‍ते में कोई दिक्‍कत न हो। हमने एक सिपाही भी दे दिया। उसके बाद ये दिल्‍ली गए। अब इसमें हमने कहां प्रताड़ित किया? वहां बच्‍ची से बात किया, मां बाप से मिला। योगेश के पिता जी वहां पर थे, पिताजी योगेश के साथ ही दिल्‍ली से वापस आ गए।''

आगरा का लालऊ गांव। इस जगह से करीब 500 मीटर की दूरी पर हुई घटना। 

अखिलेश नारायण सिंह कहते हैं, ''योगेश ने दिल्‍ली से वापस आकर हमें अपने मोबाइल में एक फोटो दिखायी और बताया कि लड़की (संजलि) ने उसे ये फोटो दी है और बताया है कि ये उसका बॉयफ्रेंड है। हमने फोटो बनाने के लिए उसका मोबाइल रख लिया और कहा कि अगले दिन आकर ले जाना। उन्‍होंने मोबाइल रख दिया और पिताजी के साथ घर चले गए। बस इतना हुआ है। पुलिस ने इसमें कहां प्रताड़ित किया।''

फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। साथ ही ये भी पता लगा रही है कि मामले में और भी कोई शामिल तो नहीं था। 

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