एयरफोर्स डे पर ताकत दिखा रही भारतीय वायुसेना, जानें कुछ खास बातें

Update: 2018-10-08 05:28 GMT

लखनऊ। वायुसेना आज 86वां एयरफोर्स डे मना रही है। इस मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना का कार्यक्रम चल रहा है। इस कार्यक्रम में दुनिया भारत के जंगी विमानों की ताकत देख रही है। इस दौरान एयरचीफ मार्शल बी.एस. धनोआ समेत वायुसेना के कई बड़े अधिकारी मौजूद हैं।



'एयरफोर्स डे' पर वायुसेना प्रमुख बी. एस. धनोआ ने कहा, ''एयरफोर्स हर चुनौती का सामना करने को तैयार है। हमारी ताकत और बढ़ी है।'' वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर वायुसेना को बधाई दी। उन्‍होंने लिखा, ''वायुसेना दिवस पर हमारे बहादुर जवानों और उनके परिवारों को सलाम। वे हमारे आसमान को सुरक्षित रखते हैं और आपदाओं के समय मानवता की सेवा करने के लिए सबसे आगे रहते हैं। भारतीय वायुसेना पर गर्व है।''



भारतीय वायुसेना से जुड़ी कुछ खास बातें

1. भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। भारतीय वायुसेना के पास कुल मिलाकर 170000 जवान और 1350 लड़ाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती हैं। दुनियाभर में सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस के पास भारत से बड़ी वायुसेना मौजूद है।

2. ताकत के मामले में भी वायुसेना किसी भी देश से पीछे नहीं है। दुनियाभर में भारतीय वायुसेना सातवीं सबसे शक्तिशाली सेना मानी जाती है।

3. भारतीय वायुसेना के 60 से ज्यादा एयरबेस हैं जोकि भारत के हर कोने में स्थित हैं।

4. वायुसेना का वेस्टर्न कमांड सबसे बड़ा एयर कमांड है जहां 16 एयरबेस स्टेशन मौजूद हैं।

5. सियाचिन ग्लेशियर पर मौजूद एयरफोर्स स्टेशन भारतीय एयरफोर्स का सबसे उंचाई पर मौजूद एयरबेस है जोकि जमीन से 22000 फीट की उंचाई पर मौजूद है।

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6. तजाकिस्तान के पास फर्कहोर एयरबेस स्टेशन भारत का पहला ऐसा एयरफोर्स स्टेशन है जोकि विदेशी जमीन पर मौजूद है।

7. साल 1990 में पहली बार महिलाओं को भी सशस्त्र बल में शामिल किया गया, लेकिन उन्हें शार्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर के तौर पर सिर्फ 14 से 15 साल तक ही सर्विस दी गई। इसके अलावा महिलाओं को समुंद्र में होने वाली लड़ाईयों में जाने की या फिर गोलीबारी करने वाले दल में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई थी।

8. साल 1990 में ही पहली बार चॉपर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाने वाले दल में महिलाओं को शामिल किया गया।

9. इंडियन एयरफोर्स के लडाकू पायलट विंग में शामिल होने के लिए तीन चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। ट्रेनिंग इन तीन चरणों से होकर गुजरती है।

10.पहले स्टेज में एयरफोर्स अकादमी दुंगदीगुल हैदराबाद में 6 महीने में कम से कम 55 घंटों का स्विस पिलाटुस पी-7 बेसिक ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट उड़ाने का अनुभव होना चाहिए।

11. दूसरे स्टेज में तेलंगाना के हकीमपेट में 6 महीने के भीतर 87 घंटे तक किरेन एयरक्राफ्ट उड़ाने का अनुभव होना चाहिए। तीसरे स्टेज में बिदर या कलाईकांडु में एक साल के भीतर 145 घंटे तक हाक एडवांस्ड ट्रेनर जेट उड़ाने का अनुभव होना चाहिए।

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