दलाई लामा का अरुणाचल दौरा: चीन ने भारतीय राजदूत को बुलाकर ‘जरूरी कदम उठाने’ की धमकी दी    

Update: 2017-04-05 17:39 GMT
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग।

बीजिंग (भाषा)। भारत द्वारा दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश के ‘‘विवादित'' हिस्सों में दौरे की ‘‘दूराग्रहपूर्वक'' इजाजत देकर द्विपक्षीय रिश्तों को ‘‘गंभीर नुकसान'' पहुंचाने की बात कहते हुए चीन ने आज चेतावनी दी कि वह अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए ‘‘आवश्यक कदम'' उठाएगा।

देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

दलाई लामा के दौरे को लेकर चीन ने बीजिंग में भारतीय राजदूत विजय गोखले को बुलाकर अपना विरोध दर्ज कराया।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘चीन की चिंताओं की उपेक्षा करते हुए भारत ने दुराग्रहपूर्वक चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से के विवादित इलाकों में दलाई लामा का दौरा कराया, जिससे चीन के हितों और चीन-भारत संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचा।'' उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन दृढ़ता से इस कदम का विरोध करता है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीमा के पूर्वी हिस्से को लेकर चीन का रुख तर्कपूर्ण और स्पष्ट है. भारत 14वें दलाई लामा की भूमिका से अच्छी तरह वाकिफ था।'' उन्होंने कहा, ‘‘उन संवेदनशील और विवादास्पद इलाकों में उनके दौरे की व्यवस्था से न सिर्फ तिब्बत के मुद्दे से जुड़ी भारतीय पक्ष की प्रतिबद्धता पर विपरीत असर पड़ेगा बल्कि सीमा क्षेत्र को लेकर विवाद भी बढ़ेगा।''

हुआ ने कहा कि यह द्विपक्षीय रिश्तों की गहराई और गति पर विपरीत असर डालेगा और किसी भी तरह से भारत के लिये फायदेमंद नहीं होगा। चीनी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह दौरा निश्चित रूप से चीन का असंतोष बढ़ाएगा। यह भारत के लिए कोई फायदा लेकर नहीं आएगा।''

हुआ ने जोर देकर कहा कि चीन अपनी क्षेत्रीय संप्रभूता और वैधानिक अधिकारों तथा हितों की रक्षा के लिये सख्ती के साथ जरूरी कदम उठाएगा। चीन क्या कदम उठायेगा यह पूछे जाने पर हुआ ने और जानकारी नहीं दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास बताने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, मैं यह कहना चाहती हूं कि तिब्बत से जुड़ा मुद्दा चीन के मूल हितों से जुड़ा है, चीन की चिंताओं की उपेक्षा करते हुए भारत दूराग्रहपूर्वक उनके दौरे करा रहा है।''

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीय पक्ष से मांग करते हैं कि वह दलाई लामा का इस्तेमाल करते हुए चीनी हितों को कमतर करने वाले अपने कृत्य को फौरन रोके और दोनों देशों के बीच संवेदनशील मुद्दों को तूल न दे। इसके साथ ही सीमा मुद्दे तथा द्विपक्षीय कानूनों पर दोनों देशों के बीच बातचीत के आधार को कृत्रिम रूप से नुकसान न पहुंचाए और चीन-भारत के रिश्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये ठोस कार्रवाई करे।''

Similar News