नकली सामान बनाने वाले हो जाए सावधान, हो सकती है उम्रकैद तक की सजा

Update: 2019-08-13 13:15 GMT

लखनऊ। नकली सामान बनाने और बेचने वालों को अब उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। नया उपभोक्ता संरक्षण बिल इस साल के अंत तक पूरे देश में लागू हो जाएगा। इस बिल के तहत अगर उपभोक्ता को नकली सामान का उपयोग करने पर नुकसान होता है तो उसे छह महीने से सात साल तक की सजा हो सकती है। इससे पहले उपभोक्ता बिल को संसद के दोनों सदनों से पारित कराया जा चुका है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने प्रेस कॉफ्रेंस कर यह जानकारी दी।

नया उपभोक्ता संरक्षण बिल उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 की जगह लागू होगा। इसके लागू होने के बाद दुकानदार या उत्पाद निर्माता उपभोक्ताओं को धोखा नहीं दे सकते हैं। नए उपभोक्ता संरक्षण बिल के कुछ प्रावधान-

अगर मिलावटी और नकली सामान से उपभोक्ता को कोई नुकसान नहीं होता है, तो सामान बनाने वाले को छह माह की जेल और एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है

उपभोक्ता को उस मिलावटी सामान के इस्तेमाल से मामूली नुकसान होने पर एक साल की जेल और तीन लाख रुपए जुर्माने का नियम रखा गया था

नकली सामान के इस्तेमाल से उपभोक्ता को गंभीर नुकसान होने पर उत्पाद निर्माता को सात साल की जेल और 5 लाख रुपए का जुर्माना देने का प्रावधान रखा गया है।

मिलावटी या नकली सामान के इस्तेमाल से उपभोक्ता की मौत हो जाती है, तो सामान बनाने वाले को उम्रकैद की सजा हो सकती है और 10 लाख जुर्माना देना पड़ सकता है।

नकली सामान बनाने पर मैन्यूफैक्चरर्स के लाइसेंस को भी रद्द करने का भी नियम है।

उपभोक्ता की शिकायतों को सुनने के लिए एक सेंट्रल अथॉरिटी भी गठित होगी। सेंट्रल अथॉरिटी के लिए गए फैसले को

मैन्यूफैक्चरर्स अपने उत्पाद की बिक्री के लिए भ्रामक या तथ्य से हटकर विज्ञापन देता है तो भी मैन्यूफैक्चरर्स को जेल जाना होगा।

पहली बार भ्रामक विज्ञापन देने पर दो साल तक की कैद और 10 लाख रुपए का जुर्माना

दोबारा भ्रामक करने पर पांच साल की कैद और 50 लाख का जुर्माना होगा।

सेंट्रल अथॉरिटी में कोई भी शिकायत कर सकता है, 21 दिनों के भीतर शिकायत अपने आप दर्ज हो जाएगी और उसपर कार्रवाई शुरी हो जाएगी। 

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