बिहार के भागलपुर कृषि विज्ञान केंद्र को मिला सर्वश्रेष्ठ केवीके का पुरस्कार

Update: 2019-07-16 12:20 GMT

लखनऊ। कुछ साल पहले तक लकड़ी काट कर गुजारा करने वाली सविता और उनके जैसी दर्जनों महिलाएं मशरूम की खेती में मुनाफा कमा रही हैं। लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था कृषि विज्ञान केंद्र के प्रयासों से ऐसा हो पाया है, तभी तो कृषि विज्ञान केंद्र को सर्वेश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केंद्र से सम्मानित किया गया।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 91वें स्थापना दिवस के अवसर पर 22 श्रेणियों में कुल 167 पुरस्कार प्रदान किए गए।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र सबौर को सर्वेश्रेष्ठ केवीके का पुरस्कार मिला है। कृषि विज्ञान केंद्र को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन (राष्ट्रीय) पुरस्कार 2018 की घोषणा करते हुए देश का सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केन्द्र घोषित किया है।

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार बताते हैं, "केवीके को ये सम्मान कृषि क्षेत्र में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत कराने के मिल रहा है। कई ऐसी महिलाएं थी जो थोड़ी बहुत खेती करती थी, लेकिन केवीके से प्रशिक्षण लेकर मशरूम की खेती शुरू की और अच्छा मुनाफा भी कमा रही हैं।"

कृषि विज्ञान केन्द्र सबौर ने एक एकड़ में खेती करने वाले छोटे व सीमान्त किसानों के लिए समन्वित कृषि प्रणाली विकसित की है। जिसमें पशु पालन, बकरी पालन, मछली और मछली जीरा उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बत्तख पालन आदि को शामिल किया गया है। इसके लिये किसानों को प्रशिक्षित व जागरूक किया। इसके साथ ही बहुस्तरीय कृषि, आम और अमरूद की सघन बागवानी, कम लागत में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन सहित अन्य कृषि आधारित छोटे उद्योगों को स्वरोजगार बनाने के लिए प्रशिक्षित किया। इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है।

Full View

Similar News