हिंसा की चपेट में महाराष्ट्र-मुंबई, औरंगाबाद में इंटरनेट बंद, जन-जीवन अस्त व्यस्त
महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिराह के दौरन हुई हिंसा की आग मुंबई समेत राज्य के कई शहरों में फैल गई। प्रदर्शनकारियों ने कई बसों को क्षतिग्रस्त किया और सड़क तथा रेल यातायात को बाधित किया। भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान मंगलवार को पुणे में दलित समूहों और दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के बीच कल संघर्ष हो गया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। हिंसा के कारण बुधवार को भी राज्य के दैनिक जीवन पर असर देखने को मिला।
प्रदर्शन के चलते प्रशासन ने आज नासिक और औरंगाबाद में स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है। हालांकि मुंबई में आज स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे। मुंबई यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं तय समय पर होंगी। उधर, मुंबई में डिब्बेवालों से खाना लेने वालों को आज मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि आज उन्होंने सेवा बंद रखने का फैसला किया है। औरंगाबाद में इंटरनेट सेवा को बंद रखा गया है।
Pune: Security arrangements in Dandekar pool in view of protests over #BhimaKoregaonViolence, DCP Pravin Mundhe says, 'we appeal all citizens to carry on with their daily routine. There will be peace in the city. Don't trust rumours being spread on social media' pic.twitter.com/7E0s3TFNqF
— ANI (@ANI) January 3, 2018
बुधवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने पुणे रेलवे स्टेशन पर भी प्रदर्शन किया और ट्रेन को रोक दिया. इससे ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई. बुधवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने पुणे रेलवे स्टेशन पर भी प्रदर्शन किया और ट्रेन को रोक दिया. इससे ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई.
इससे पहले मंगलवार को हिंसा के आरोप गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद पर लगे. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मंगलवार देर शाम अक्षय बिक्कड और आनंद डॉन्ड नाम के दो युवकों ने पुणे के डेक्कन पुलिस स्टेशन में जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद के खिलाफ लिखित शिकायत देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की. शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया है कि जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद ने 31 दिसंबर को कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद यह हिंसा फैली है.
आरोप है कि जिग्नेश मेवानी ने अपने भाषण के दौरान एक खास वर्ग के लोगों को सड़क पर उतरने के लिए उकसाया था। उमर खालिद ने भी अपने भाषण में जाति विशेष के लोगों को उकसाने वाली बातें कही थी। इन दोनों लोगों के भाषण के बाद एक खास वर्ग के लोग विरोध करने के इरादे से सड़क पर निकलने लगे, जो बाद में हिंसक रूप ले लिया। आरोप है कि विधायक जिग्नेश मेवानी 14 अप्रैल को नागपुर में जाकर आरएसएस मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करने की भी बात कही थी। इस भाषण के दौरान प्रकाश आंबेडकर, पूर्व न्यायाधीश बी.जी. कोलसे पाटिल, लेखिका और कवि उल्क महाजन आदि लोग मौजूद रहे।
#Maharashtra: Large number of protesters have occupied the railway tracks at Nallasopara Station, disrupting rail traffic. Administration & security forces are making all efforts to normalize the train operations-Western Railway #BhimaKoregaonViolence pic.twitter.com/xTBjKnP8xU
— ANI (@ANI) January 3, 2018
मंगलवार को जातीय हिंसा की आग मुंबई पहुंच गई. दलित प्रदर्शनकारियों ने मुंबई में कई बसों को क्षतिग्रस्त किया और सड़क तथा रेल यातायात को बाधित किया. भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान सोमवार को पुणे में दलित समूहों और दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के बीच कल संघर्ष हो गया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
पुणे में, पीम्प्री पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में हिन्दू एकता अघादी के प्रमुख मिलिंद एकबोते तथा शिवराज प्रतिष्ठान के अध्यक्ष संभाजी भिड़े के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। दोनों संगठनों ने युद्ध में ‘ब्रिटेन की जीत’ का जश्न मनाने का विरोध किया था। पुलिस ने बताया कि मुंबई में प्रदर्शनकारियों ने 160 से ज्यादा बसों को क्षतिग्रस्त किया। 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे हिंसा मामले में बंबई उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच के आदेश दे देते हुए शांति की अपील की थी.। उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे क्या कोई साजिश थी इसका पता लगाने की जरूरत है। फडणवीस ने कहा कि हिंसा में मारे गए युवक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और उसकी मौत की जांच सीआईडी करेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि, 'ये जो घटना घटी है, ये रोकी जा सकती थी। सरकार को वहां सुरक्षा के उचित प्रबंध करने चाहिए थे। वहां बीजेपी की सरकार है ओर उन्होंने वहां हिंसा कराई. लगता है इसके पीछे बीजेपी-आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।
ऐसा है भीमा-कोरेगांव युद्ध का इतिहास
दरअसल, एक जनवरी, 1818 को पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव युद्ध में अंग्रेजों (ईस्ट इंडिया कंपनी) ने पुणे के बाजीराव पेशवा द्वितीय की सेना को हराया था। अंग्रेजों की सेना में महाराष्ट्र के महार (दलित) समाज के 600 सैनिकों ने पेशवा की शक्तिशाली 28 हजार मराठा फौज को हरा दिया था। जंग में बड़ी संख्या में महार सैनिक शहीद हो गए थे, इसलिए दलित यहां जयस्तंभ नाम से बने स्मारक पर हर साल उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।
Commuters stranded due to less number of auto-rickshaws & other transport in Mumbai, rickshaw driver in Mulund says, 'we are supporting this bandh only because we are scared of our loss. They can vandalize anything here' #BhimaKoregaon pic.twitter.com/uEfLsIwpJR
— ANI (@ANI) January 3, 2018
एयरलाइनों ने माफ किया टिकट निरस्तीकरण शुल्क
तनाव के चलते शहर के विभिन्न हिस्सों में लगे जाम के कारण कई हवाई यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। इसे देखते हुए एयर इंडिया समेत घरेलू एयरलाइनों ने मुंबई से टिकट रद्द कराने पर अपना शुल्क माफ करने का फैसला किया। एयर इंडिया ने 2 और 3 जनवरी को मुंबई आने और जाने वाले यात्रियों के लिए यह शुल्क माफ किया है। जबकि जेट एयरवेज और इंडिगो ने यह सहूलियत सिर्फ दो जनवरी के लिए प्रदान की।