केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, महंगाई भत्ते पर रोक हटी, तीन किश्तों को मिलाकर 11% बढ़ेगा डीए

कैबिनेट ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों को दी जाने वाली महंगाई राहत को बढ़ाने का फैसला किया है।

Update: 2021-07-14 12:32 GMT

कैबिनेट ने महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में वृद्धि को मंजूरी दी। फोटो: पिक्साबे

मंहगाई भत्ते पर लगी रोक को 18 महीने बाद हटा लिया गया है, इसके साथ ही तीन किश्तों को मिलाकर 11% महंगाई भत्ता बढ़ाने का भी फैसला हुआ है।

कैबिनेट समिति ने आज केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों को दी जाने वाली महंगाई राहत को बढ़ाने का फैसला किया है। एक जुलाई से बढ़ाकर 28% करने की मंजूरी दे दी, जो मूल वेतन/पेंशन के 17% की मौजूदा दर में 11% की वृद्धि को दर्शाता है।

आज के फ़ैसले के मुताबिक़ 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से लागू होने वाली तीनों किस्तों पर लगी रोक हटा दी गई है। रोक हटने के बाद तीनों किस्तों को मिलाकर कुल 11% की बढोत्तरी होगी। यानि महंगाई भत्ते की दर वर्तमान के 17 फ़ीसदी से बढ़कर 28 फ़ीसदी हो जाएगी। सरकार के इस फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को फायदा होगा।

क्या है महंगाई भत्ता?

महंगाई भत्ता वेतन का एक हिस्सा है। यह कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित फीसदी होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करती है। इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है। रिटायर कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलता है।

ऐसे होती है डीए की गणना

महंगाई भत्ते यानी डीए की गणना के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।

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