चमोली की डीएम ने पेश की मिसाल, आंगनबाड़ी में कराया बेटे का दाखिला

जिलाधिकारी के मुताबिक, उन्‍होंने ये फैसला इसलिए लिया ताकि आंगनबाड़ी को लेकर आम लोगों की सोच में बदलाव आ सके।

Update: 2018-11-02 08:20 GMT

उत्‍तराखंड के चमोली जिले की जिलाधिकारी स्वाति भदोरिया ने अपने दो साल के बेटे का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र में कराया है। गोपेश्वर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में जिलाधिकारी का बेटा अभ्युदय इलाके के दूसरे बच्‍चों के साथ पढ़ाई कर रहा है। जिलाधिकारी के मुताबिक, उन्‍होंने ये फैसला इसलिए लिया ताकि आंगनबाड़ी को लेकर आम लोगों की सोच में बदलाव आ सके।

स्वाति भदोरिया ने गांव कनेक्‍शन से फोन पर बातचीत में बताया, ''वहां (आंगनबाड़ी) अच्‍छा वातावरण रहता है। सभी बच्‍चे आते हैं तो सामाजिक वातावरण भी अच्‍छा होता है। ये फिजिकल-मेंटल ग्रोथ के लिए भी सही होता है। वहां टेक होम राशन, कुक फूड सुविधा मिलती है। मेडिकल की सुविधा भी वहां अच्‍छी है। इसलिए हमने अपने बेटे को वहां भेजा है।''

अभ्युदय।


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स्‍वाति बताती हैं, ''मेरे बेटे को काफी अच्‍छा लग रहा है। वो बच्‍चों के साथ काफी घुल मिल गया है। अभ्‍युदय अपने सहपाठियों के साथ खाना खाता है। उसे बहुत अच्‍छा लग रहा है। इतना कि छुट्टी के बाद भी वो आंगनबाड़ी को छोड़ना नहीं चाहता।'' स्वाति के पति नितिन भदोरिया भी एक आईएएस अफसर हैं और फिलहाल अल्मोड़ा के जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। स्‍वाति चाहती हैं कि उनका बेटा चीजों को साझा करना सीखे। स्‍वाति बताती हैं, ''वो आंगनबाड़ी में एजुकेशन सिस्‍टम को सुधारने में लगी हैं। इसके लिए प्रोग्राम बनाया जा रहा। उसके आधार पर आंगनबाड़ी को सुधारा जाएगा।''

इस आईएएस ने भी पेश की थी मिसाल

सरकारी स्‍कूल में अपनी बेटी के साथ भोजन करते आईएएस अवनीश शरण।

इससे पहले 2009 बैच के आईएएस ऑफिसर अवनीश शरण ने भी अपनी बेटी वेदिका का एडमिशन छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में ही एक सरकारी स्कूल में कराया था। उन्होंने वेदिका को आंगनबाड़ी भी भेजा था। उनका कहना है कि हमें सरकारी संस्थाओं में यकीन करना चाहिए तभी उनकी हालत सुधर सकती है। 2009 बैच के आईएएस ऑफिसर अवनीश फिलहाल छत्तीसगढ़ के कबीरधाम के कलेक्टर हैं। 

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