चीनी मीडिया का भारत को नसीहत, ज्यादा बेताबी सही नहीं, अपने आर्थिक विकास पर दें ध्यान
बीजिंग (भाषा)। हिंद महासागर में चीन पर लगाम कसने के लिए विमानवाहकों के निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने से ज्यादा ध्यान भारत को अपने आर्थिक विकास पर देना चाहिए।
चीन के सरकारी अखबार ने आज यह कहा। सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स' में एक लेख में कहा गया, ‘‘विमान वाहक विकसित करने के लिए नई दिल्ली कुछ ज्यादा ही बेसब्र हो रही है। यह देश औद्योगिकीकरण के अभी शुरुआती चरणों में ही है और ऐसे में विमान वाहक बनाने की राह में कई तकनीकी अवरोध आएंगे।'' चीन ने रविवार को अपनी नौसेना की स्थापना की 68वीं सालगिरह मनाई। वह अपने बेड़े में तेजी से इजाफा कर रहा है।
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अपने कट्टर राष्ट्रवादी मूल्यों के लिए पहचाने जाने वाले दैनिक की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘विदेश कारोबार में विस्तार और चीन की ‘वन बेल्ट ऐंड वन रोड' पहल के चलते चीन की नौसेना ने एक नया मिशन हाथ में लिया है, यह मिशन विदेशों में देश के हितों की रक्षा करना है।'' रिपोर्ट में सैन्य विशेषज्ञ सांग जोंगपिंग के हवाले से कहा गया कि इसके परिणामस्वरूप नौसेना के लिए चीन की सैन्य रणनीति में बदलाव आया है और अब नई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसे विदेशों में अपनी मौजूदगी बढ़ानी होगी।
चीन की नौसेना ने विदेशों में खासा विस्तार करते हुए पाकिस्तान के ग्वादर और हिंद महासागर के दिज्बोउटी में नए साजो सामान के साथ सैन्य अभ्यास किए हैं लेकिन चीन का आधिकारिक मीडिया भारत द्वारा चीन से दशकों पहले तैनात किए गए विमान वाहकों को लेकर शोर मचा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते चीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सामुद्रिक मार्गों को सुरक्षित रखने की खातिर मजबूत नौसेना बनाने में समक्ष है। चीन द्वारा अपने पहले विमान वाहक का निर्माण आर्थिक विकास का ही परिणाम है।'' भारत वर्ष 1961 से विमान वाहक का संचालन करता आ रहा है।
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