कोरोना वायरस: चीन के वुहान से लौटे इस शख्स ने बताया कितने खतरनाक हैं हालात

Update: 2020-03-19 09:49 GMT

''चीन के वुहान में हालात बहुत खराब थे। वहां फूड क्राइस‍िस होने लगी थी। हमें एक जगह पर बुलाया जाता था जहां बहुत लंबी लाइन लगती थी। वहां 50 से 60 लोगों के साथ हमें दो या तीन मीटर की दूरी पर खड़ा करके खाना द‍िया जाता था। यह खाना इतना घट‍िया होता था कि उसको खाकर ही इंसान बीमार पड़ जाए।'' यह शब्‍द हैं 34 साल के गौरव शुक्‍ला के जो हाल ही में कोरोना वायरस के केंद्र कहे जाने वाले चीन के वुहान शहर से भारत लौटे हैं।

उत्‍तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले गौरव शुक्‍ला वुहान की यून‍िवर्स‍िटी में पोस्‍ट डॉक्‍टरल रिसर्चर के तौर पर काम करते हैं। वुहान में कोरोना वायरस के फैलने के बाद वो करीब दो महीने तक वुहान में ही फंसे थे। इसी 27 फरवरी को भारतीय दूतावास की मदद से वुहान से 56 भारतीय नागरिकों दिल्‍ली पहुंचे थे, इसमें गौरव भी थे।

गौरव ने गांव कनेक्‍शन से बातचीत में कोरोना वायरस के केंद्र वुहान से लेकर भारत तक के अपने सफर के बारे में बताया है। आप भी पढ़ें उनका क्‍या कहना है-

सवाल- आप वुहान से भारत कब और कैसे आए?

गौरव शुक्‍ला - ''हमारी सबसे ज्‍यादा मदद हमारी एम्‍बेसी ने की। मैं 27 फरवरी की सुबह वुहान से आया था। हम द‍िल्‍ली में सुबह 6.30 पर उतरे तो वहां से हमें बस से दिल्‍ली के छावला में बने आईटीबीपी (भारत- तिब्‍बत सीमा पुलिस बल) कैंप ले जाया गया। वहां हमें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। वुहान से 56 लोग आए थे। उस वार्ड में अलग-अलग देश से कुल 112 लोग मौजूद थे।

''आइसोलेशन वार्ड में हम दो लोग थे, जो एक उच‍ित दूरी पर थे। बड़ा सा कमरा था। वहां दो बार हमारा चेकअप होता था। सुबह हमें ब्रेकफास्‍ट म‍िलता था इसके आधे घंटे के बाद हमारी डॉक्‍टरी जांच होती थी। किसी को कोई प्रॉब्‍लम होती तो वे दवा भी देते थे। हमें वहां बहुत अच्‍छे से रखा गया।''

सवाल - आप कितने द‍िन छावला कैंप में रहे?

गौरव - ''मैं 27 फरवरी को आईटीबीपी के छावला कैंप में आया था। इसके बाद 13 तारीख को र‍िपोर्ट आई जिसमें हम 112 लोगों की र‍िपोर्ट नेगेट‍िव आई थी। इसके बाद हम लोगों को वहां से अपने अपने घर भेज द‍िया गया।''

सवाल - आइसोलेशन वार्ड में रहते हुए कितना मानसिक दवाब था?

गौरव - ''मेरे ऊपर बहुत प्रेशर था। मानसिक रूप से वहां सभी फिट नहीं थे, क्‍योंकि वो करीब दो महीने से चीन के वुहान शहर में एक इमारत में बंद थे। वुहान में कितने खराब हालात थे यह मैं बता नहीं सकता। वहां पर फूड क्राइस‍िस होने लगी थी, जिसकी वजह से हमें बहुत परेशानी होने लगी थी खासकर 10 फरवरी के बाद जब सारे मॉल और फूड सप्‍लाई पर रोक लगा दी गई।''

''हमें एक जगह पर बुलाया जाता था जहां पर बहुत लंबी लाइन लगती रहती थी। वहां 50 से 60 लोगों के साथ हमें दो या तीन मीटर की दूरी पर खड़ा करके खाना देते थे। यह जो खाना हमें म‍िलता था वो घट‍िया होता था, उसको खाकर आप बीमार पड़ सकते थे। हमें वहां हर चीज के ल‍िए दोगुना खर्च करना होता था। जो सामान पहले हमें 50 RMB यान‍ी 500 रुपए में म‍िल रहा था, वह अब 100 RMB यानी एक हजार रुपए में मिल रहा था।'' (RMB चीन की करेंसी है)

''वहां पर मदद के ल‍िए लोग थे, लेकिन सीधे मदद नहीं करते थे। वो लोग कोई ऐप्‍प बता देते, उस ऐप्‍प पर ऑर्डर करने के बाद किसी खास जगह जाकर सामान लेना होता था। इस तरह का जीवन वुहान में था। हमने एम्‍बेसी से कहा था तो उन्‍होंने इंतजाम किए और हमें वापस बुलाया गया।''

Full View

सवाल - आपको क्‍या-क्‍या हिदायत दी गई है?

गौरव - ''हमें यह कहा गया है कि करीब 14 द‍िन हमें होम आइसोलेशन में रहना है। इसीलिए मैं घर के बाहर एक कमरे में रहता हूं, बाहर नहीं न‍िकलता और पर‍िवार के जो लोग हैं उनसे दूरी बनाकर रखता हूं। मेरा खाना गेट पर रख द‍िया जाता है और नॉक कर द‍िया जाता है। मैं बाद में जाकर उसे ले लेता हूं। यह मेरे पर‍िवार के ल‍िए अच्‍छा है। इस वायरस के बारे में लोगों को अभी जानकारी नहीं है, हालांकि मेरे सारे टेस्‍ट नेगेट‍िव हैं फिर भी मैं होम आइसोलेशन में हूं, ताकि मेरे सोसाइटी के लोग घबराए नहीं। 14 दिन बाद मैं घर से बाहर न‍िकलने की कोश‍िश करूंगा।''

सवाल - कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां लोग आइसोलेशन वार्ड से भाग रहे हैं, उनसे क्‍या कहना चाहेंगे?

गौरव - ''मैं यह कहना चाहूंगा कि वो लोग यह बहुत गलत कर रहे हैं। बहुत से लोगों को इस वायरस की असल‍ियत नहीं पता है। इसे हल्‍के में नहीं लेना चाहिए। मैं वहां से आया हूं जहां यह सबसे ज्‍यादा था। मैं उन लोगों से बस यही कह सकता हूं कि वो ऐसा न करें, क्‍योंकि अगर वो ऐसा करते हैं तो वो अपने परिवार को खतरे में डाल रहे हैं। यह लोग यात्रा करते हुए ज‍िस जिस से मिल रहे हैं उसे भी खतरे में डाल रहे हैं। मैं यही कहूंगा कि आप भाग‍िए मत, आप अपनी जांच कराइए ताकि आप और आपका परिवार अच्‍छे से रह सके।''  

Full View


Similar News