वैक्सीन की दो डोज ने कोविड-19 संक्रमण से होने वाली मौतों को 95 प्रतिशत तक कम किया: आईसीएमआर

आईसीएमआर ने तमिलनाडु में एक लाख 17 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों पर कोरोना टीके के असर को लेकर स्टडी की, जिसके अनुसार जिन्होंने टीके की दोनों डोज ली, उनमें कोरोना से मौत का प्रतिशत सिर्फ 4 था।

Update: 2021-07-17 11:34 GMT

स्टडी में शामिल थे एक लाख 17 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी। फोटो: पिक्साबे

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की एक स्टडी के अनुसार कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान 95 प्रतिशत मौतों को रोकने में कोरोना वैक्सीन की दो डोज सफल रही।

अध्ययन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दूसरी लहर के दौरान आयोजित किया गया था जो ज्यादातर डेल्टा वेरिएंट के प्रसार से प्रेरित था। अध्ययन नतीजे शुक्रवार, 16 जुलाई को नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने एक प्रेस कॉन्फेंस में पेश किए। उन्होंने गंभीर संक्रमण और मौतों को रोकने में टीकाकरण के महत्व को बताया।

स्टडी में पता चला कि टीका नहीं लगवाने वाले पुलिसकर्मियों में कोविड-19 के कारण मौत का प्रतिशत 20 था, जबकि एक खुराक लेने वालों में यह सात फीसदी और दूसरी खुराक लेने वालों में चार प्रतिशत था। इसके साथ ही जिन पुलिसकर्मियों ने टीके की पहली खुराक ली थी उनमें टीके की प्रभाव क्षमता 82 प्रतिशत थी और दोनों खुराक लेने वालों में यह 95 प्रतिशत थी।

स्टडी में शामिल थे एक लाख 17 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी

अध्ययन के लिए लगभग 1,17,524 पुलिस कर्मियों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 17,059 गैर-टीकाकरण वाले पुलिस कर्मियों का था, जबकि एक खुराक प्राप्त करने वालों की संख्या 32,792 थी और पूरी तरह से टीकाकरण करने वालों की संख्या 67,673 थी। अध्ययन से पता चला है कि कोविड -19 के कारण मौत की घटना उन लोगों में 1.17 प्रति 1000 थी, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ था, जबकि उस समूह में यह घटकर 0.21 प्रति 1000 हो गई, जिसे कोविड की एक खुराक मिली है।

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