चुनाव से पहले ईपीएफ अकाउंट धारकों को सरकार ने दी खुशखबरी, बढ़ाई पीएफ की ब्याज दरें

Update: 2019-02-22 09:55 GMT

ईपीएफओ (EPFO) ने अपने अकाउंट धारकों को बड़ी खुशखबरी देते हुए, ईपीएफ (EPF) की ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की है। साल 2018-19 के लिए ईपीएफ ने ब्याज की दर में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। पिछले साल 8.55 फीसदी की दर से ईपीएफ पर जो ब्याज मिलता था, इस बार 8.65 फीसदी की दर से मिलेगा। इसका फायदा देश में 6 करोड़ से ज्यादा ईपीएफओ के सदस्यों को मिलेगा।

साल 2009-2011 के बीच ईपीएफ पर 8.50 फीसदी की दर से ब्याज मिलता था, साल 2011-12 में यह घटकर 8.25 फीसदी हो गया। इसके अगले साल, यानी 2012-13 में यह बढ़कर फिर से पहले जितना यानी 8.50 हो गया। मोदी काल में देखा जाए तो साल 2013-14 में यह ब्याज दर सबसे ज्यादा थी, जब यह 8.75 फीसदी थी। इसका मतलब है, साल 2018-19 के लिए जो दर बढ़ाई गई है, पीएफ खाता धारक इससे ज्यादा ब्याज दरों का लाभ उठा चुके हैं।

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बता दें कि पीएफ पर ब्याज दरों को लेकर फैसला श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ का बोर्ड करता है। पहले ईपीएफओ की ब्याज दरें तय की जाती हैं, फिर यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा जाता है। बिना वित्त मंत्रालय की मंज़ूरी के ब्याज दरों में बदलाव नहीं बो सकता। जैसे ही वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति देता है, पीएफ अकाउंट धारकों को ब्याज दर का फायदा मिलने लगता है।  

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