CBI विवाद: आलोक वर्मा ने दिया इस्‍तीफा, कहा- यह सामूहिक आत्ममंथन का क्षण

Update: 2019-01-11 12:35 GMT
Former CBI Chief Alok Verma

लखनऊ। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति द्वारा सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के एक दिन बाद आलोक वर्मा (Alok Verma) ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। आलोक वर्मा ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव को भेजे गए इस्तीफे में कहा, यह 'सामूहिक आत्ममंथन' का क्षण है।

आलोक वर्मा 1979 बैच के आईपीएस अधि‍कारी हैं। गुरुवार को वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाकर उनका तबादला गृह मंत्रालय के तहत आने वाले अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स के महानिदेशक के पद पर कर दिया गया था। आलोक वर्मा ने इस पद को लेने से इनकार कर दिया है।

वर्मा ने अपने इस्‍तीफे में लिखा, ''यह गौर किया जाए कि मैं 31 जुलाई 2017 को सेवानिवृत हो चुका था और 31 जनवरी 2019 तक सीबीआई के निदेशक के तौर पर अपनी सेवा दे रहा था, क्योंकि यह तय कार्यकाल वाली भूमिका होती है। अब मैं सीबीआई निदेशक नहीं हूं और महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा के पद के लिहाज से पहले ही सेवानिवृति की उम्र पार कर चुका है। इसलिए मुझे आज से ही सेवानिवृत समझा जाए।''

आलोक वर्मा सीबीआई निदेशक के पद से 31 जनवरी रिटायर होने वाले थे, लेकिन इससे 21 दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी की समिति ने 2-1 के बहुमत से वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने का फैसला किया। पीएम मोदी और न्यायमूर्ति सीकरी वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाने के पक्ष में थे, जबकि खड़गे ने इसका विरोध किया था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (8 जनवरी) को वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के आदेश को निरस्‍त कर दिया गया है। बता दें, आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना दोनों को सरकार ने 23 अक्टूबर, 2018 की देर शाम जबरन छुट्टी पर भेज दिया था। इसके खिलाफ आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। 

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