बिना अभिभावक बच्चे नहीं बनेंगे मानव श्रृंखला का हिस्सा : कोर्ट

Update: 2018-01-16 18:53 GMT
साभार इंटरनेट

पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए बनने वाली मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए स्कूली बच्चों को मजबूर नहीं किया जा सकता। बिहार सरकार ने 21 जनवरी को इस राज्यव्यापी कार्यक्रम का आयोजन किया था। नागरिक अधिकार मंच नाम के एक एनजीओ ने इसमें स्कूली बच्चों को शामिल करने के निर्देश के खिलाफ याचिका दायर की थी। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा, बिना अभिभावकों के बच्चों को मानव श्रृंखला में हिस्सा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। जो स्कूली बच्चे इसमें भाग नहीं लेंगे उनके खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाए।

असल में नागरिक अधिकार मंच ने पूछा था कि इस कड़ाके की सर्दी में बच्चों को इस आयोजन में शामिल होने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है। याचिका में यह भी कहा गया कि स्कूली बच्चों को नए सत्र की किताबें नहीं दी गई हैं, उन्हें गर्म कपड़े भी नहीं दिए गए हैं। पिछले साल भी इसी तरह के एक आयोजन को लेकर पटना हाई कोर्ट ने अपनी नाराजगी जताई थी। बिहार सरकार ने 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी के पक्ष में जागरूकता फैलाने के लिए राज्य भर में मानव श्रृंखला का आयोजन किया था।

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