उपभोक्ता अब दूरसंचार कंपनियों की तरह अपनी पसंद की कंपनी से ले सकेंगे बिजली

Update: 2017-12-04 07:52 GMT
केन्द्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह। 

लखनऊ। बिजली उपभोक्ताओं के लिये अच्छी खबर है। अब जल्द ही आप दूरसंचार कंपनियों की तरह अपनी पसंद की कंपनी से बिजली ले सकेंगे। इसके लिये सरकार विचार कर रही है। केंद्र सरकार इसके लिए बिजली कानून में संशोधन कर सकती है, जिसे आगामी बजट सत्र में लाने की तैयारी है। इस संशोधित विधेयक में बिजली आपूर्ति और वितरण नेटवर्क के कारोबार को अलग-अलग करने का प्रावधान होगा।

केन्द्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार जो संशोधित बिल ला रही है, उसमें कैरेज और कॉन्टेंट के कारोबार को अलग करने का प्रावधान होगा। सरकार ने जिस तरह उत्पादन और वितरण को अलग किया है उसी तरह अब आपूर्ति और वितरण के कारोबार को भी अलग कर देगी। उन्होंने बताया कि इस संशोधित बिल का मसौदा अगले चार-पांच दिनों में तैयार करके, इसे बजट सत्र में पास कराने की कोशिश की जाएगी। इस संशोधन से बिजली ग्राहकों को अपने क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कंपनियों से आपूर्ति लेने का अधिकार होगा, जो की बिल्कुल मोबाइल पोर्टिंग की तरह होगा।

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आरके सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा लाये जा रहे संशोधन में वितरण कंपनियों पर अक्षय ऊर्जा खरीद की शर्त (आरपीओ) कड़ाई से लागू की जाएगी। इसके साथ ही इस विधेयक में क्रॉस सब्सिडी के फर्क को 20 फीसदी से कम रखने की शुल्क नीति अनिवार्य की जाएगी। बता दें कि क्रॉस सब्सिडी का अर्थ होता है एक स्लैब के उपभोक्ता से ऊंचे मूल्य पर पैसे लेकर दूसरे स्लैब के उपभोक्ता को सस्ते दर पर बिजली देना। इस संशोधित कानून के लागू होने के बाद बिजली कंपनियां अपने बिजली दर में उच्चतम और न्यूनतम शुल्क दरों में 20 प्रतिशत से अधिक अंतर नहीं रख पाएंगी, जो अभी काफी ज्यादा है।

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