फ्रांसीसी साइबर एक्सपर्ट का दावा, इंडेन गैस कंपनी की वेबसाइट से 67 लाख ग्राहकों के डेटा लीक

Update: 2019-02-19 07:48 GMT

लखनऊ। ब्लॉग मीडियम डॉट कॉम ने दावा किया है सरकारी गैस कंपनी इंडेन की वेबसाइट से लगभग 6.7 मिलियन (67 लाख) ग्राहको का आधार डाटा लीक हो गया है। खबर के अनुसार लीक डेटा का उपयोग अब कोई भी बिना किसी शर्तों के साथ कर सकता है। आपको बता दें कि देशभर में इंडेन के 9 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। इससे पहले 2018 में भी डेटा लीक के कारण इंडेन विवादों में रहा है।


मंगलवार को मीडियम डॉट कॉम पर फ्रांसीसी साइबर सुरक्षा शोधकर्ता बैपरिस्ट रॉबर्ट (इलियट एल्डरसन) हैं "मैंने 11,000 डीलरों के साथ-साथ उनके प्राइवेट आधार नंबर का उपयोग किया। आईपी से 5.8 मिलियन इंडेन ग्राहक प्रभावित हुए जब तक उनका आईपीप ब्लॉक नहीं हो गया।" उन्होंने आगे कहा कि अनुमानित कुल संख्या 6.7 मिलियन ग्राहकों को प्रभावित कर सकती है।

एल्डर्सन ने लिखा है कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से इंडेन से प्रतिक्रिया न मिलने के बाद लीक को सबसे साथ साझा किया। वहीं वेबसाइट टेक क्रंच ने लिखा है कि उसने यूआईडीएआई के ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा का प्रयोग करके आधार संख्याओं के नमूनों में फेरबदल किया है। साइट इसका स्क्रीन शॉट भी शेयर किया है।

वेबसाइट टेक क्रंच ने ये इमेज शेयर किया है

अभी कुछ दिनों पहले ही उत्तरखंड सरकार की वेब प्रणाली से लगभग 166,000 सरकारी कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी और आधार संख्या को लीक कर दिया था। तब भी इस मामले ने काफी तुल पकड़ा था। पिछले साल (2018 में) एल्डरसन ने तेलंगाना सरकार के पोर्टल Tspost में डेटा लीक होने की पुष्टि की थी।

जिसमें 56 लाख राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 40 लाख लाभार्थी थे।

रॉबर्ट ने आगे यह भी लिखा है कि इंडेन के लोकल डीलर्स के पास ऑथेटिंकेशन न होने की वजह से लोगों के आधार नंबर्स, पता और नाम लीक हुए हैं। इंडेन के 11 हजार से ज्यादा डीलर्स है और लगभग हर जगह डेटा लीक हुआ है।

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