रसोई गैस की तर्ज पर रेल टिकट खरीदते समय यात्रियों को सब्सिडी छोड़ने का मिलेगा विकल्प

Update: 2017-07-06 10:51 GMT
साभार इंटरनेट

नई दिल्ली। भारतीय रेल अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भारतीय रेलवे ने एलपीजी की तर्ज पर अपने यात्रियों को सब्सिडी छोड़ने का विकल्प देने जा रहा है। रेल मंत्रालय ने इसके लिए टिकट बुकिंग फॉर्म में अलग से कॉलम बनाए जाने की मंजूरी दे दी है। इस कॉलम में यह पूछा जाएगा कि आप रेल टिकट पर सब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं। जो लोग इस पर सब्सिडी लेने पर टिक लगाएंगे उनको सब्सिडाइज्ड रेट पर रेल टिकट मिलेगा और जो लोग सब्सिडी नहीं लेना चाहेंगे उनको फुल रेट पर टिकट मिलेगा। इस तरीके की व्यवस्था रेल टिकट की ऑनलाइन बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर भी दी जाएगी। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सब्सिडी लेने या ना लेने के विकल्प की व्यवस्था अगले महीने से शुरू कर दी जाएगी।

मिलती है 43 फीसदी की सब्सिडी

दरअसल रेलवे को पैसेंजर किराए में घाटा होता है और इस पर तकरीबन 43 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ रेलवे को किसी भी टिकट पर सौ रुपये के खर्च पर सिर्फ 57 रुपये की कमाई होती है। इस वजह से रेलवे पर लगातार आर्थिक दबाव बना रहता है। इससे छुटकारा पाने के लिए रेलवे लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन इन सबके बीच हाल ही में एक वाकया ऐसा हुआ कि रेलवे को एक नया आइडिया मिल गया।

कहां से मिला आइडिया

रेलवे को यह आइडिया फरीदाबाद के अवतार कृष्ण खेर से मिला है। दरअसल, खेर ने आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए अपना रेल टिकट बुक कराया था। जब उन्होंने रेल टिकट का प्रिंट लिया तो उसमें नीचे लिखा हुआ था कि क्या आप जानते हैं कि आपके किराए का 43 फीसदी देश के आम नागरिक वहन करते हैं। इसके बाद खेर ने अपनी यात्रा के दौरान मिली सब्सिडी के बदले में 950 रुपये का चेक बनाकर रेलवे को भेज दिया। इसी के साथ खेर ने एक पत्र भी लिखा। इसमें कहा है कि वह आर्थिक रूप से सक्षम है और सब्सिडी नहीं चाहता।

एलपीजी की तर्ज पर होगी सुविधा

सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री ने बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों के साथ इस पत्र पर विचार विमर्श किया। बाद में एलपीजी की तर्ज पर रेलवे किराये में सब्सिडी छोड़ने का विकल्प देने की योजना लाने का फैसला किया। इसके मुताबिक ई-टिकट बुक करते समय सब्सिडी के बिना पूरे किराए के भुगतान का विकल्प मिलेगा। रिजर्वेशन काउंटर से बुकिंग कराने पर फार्म में एक कॉलम जोड़ा जाएगा। इसमें सब्सिडी छोड़ने के इच्छुक यात्री टिक लगाने का विकल्प दिया जाएगा।

अगस्त में लागू हो सकती है व्यवस्था

रेलवे के अधिकारियों का कहना है इस सब्सिडी छोड़ने के विकल्प के लिए पूरा सिस्टम तैयार किया जा रहा है और ऐसी संभावना है की अगस्त के महीने तक यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इसके बाद देखना यह होगा कि कितने यात्री पूरे किराए पर सफर करना पसंद करेंगे।

रोजाना ढाई करोड़ लोग ट्रेन में करते है सफर

भारतीय रेलवे रोजाना करीबन ढाई करोड़ लोगों को यात्रा करवाती है और इसमें अपर क्लास के यात्री नौ प्रतिशत करीबन होते हैं तो उनसे राजस्व की प्राप्ति 30 प्रतिशत से अधिक होती है। सेकेंड क्लास के यात्रियों की तादाद 53 प्रतिशत से अधिक होती है और उनसे प्राप्त राजस्व भी करीबन 51 फीसद होता है।

सवा करोड़ ने छोड़ी एलपीजी सब्सिडी

दो साल पहले पीएम मोदी ने एलपीजी की सब्सिडी छोड़ने के विकल्प के तौर पर गिव अप स्कीम शुरू की थी। अब तक करीब सवा करोड़ उपभोक्ता एलपीजी पर सब्सिडी छोड़ चुके हैं। इससे केंद्र को करीब 144 करोड़ रुपए की बचत हुई है। वहीं डेढ़ करोड़ लोगों को उज्जवला स्कीम के तहत एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन देने की योजना चल रही है।

अब सितंबर तक रेल टिकट की ऑनलाइन बुकिंग पर मिलेगी सेवा शुल्क से छूट

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