मायावती सरकार में चीनी मिलों की बिक्री में हुए करोड़ों के घोटाले की CBI जांच करा सकती है यूपी सरकार 

Update: 2017-04-08 15:32 GMT
उत्तर प्रदेश की 21 सरकारी चीनी मिलें जो वर्ष 2010-11 में बेच दी गई थी, जिसमें 1100 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2010-11 में राज्य की 21 चीनी मिलों की बिक्री में हुए 1100 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के निर्देश दिये हैं। जरुरत पड़ी तो मामले की CBI जांच भी करायी जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल रात यहां शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के प्रस्तुतिकरण के समय निर्देश दिया, ‘‘2010-11 में प्रदेश की 21 चीनी मिलों को बेचने में हुये लगभग 1100 करोड़ रुपये के घोटाले की गहन जांच करायी जाए। आवश्यकतानुसार इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से भी कराये जाने पर विचार होगा।''

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उन्होंने कहा कि पेराई सत्र 2016-17 के अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान आगामी 23 अप्रैल तक किसानों को प्रत्येक दशा में किया जाए। निर्धारित अवधि में अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान न करने वाले चीनी मिल मालिकों के विरुद्घ एफआईआर दर्ज की जाएगी। योगी ने बंद सहकारी चीनी मिलों को आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 में चालू कराने हेतु आवश्यक व्यवस्थायें एवं कार्रवाई समय से सुनिश्चित कराने के दिये निर्देश दिये।

उन्होंने बताया कि पेराई सत्र 2015-16 एवं 2016-17 के गन्ना मूल्य भुगतान की तुलनात्मक स्थिति में गत वर्ष की तुलना में वर्तमान वर्ष में 7918 करोड अर्थात 21 प्रतिशत अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। वर्तमान सरकार की गठन के बाद अब तक गन्ना मूल्य का 2923 करोड रुपये का किसानों को भुगतान कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों की शिकायतों का निराकरण कराने हेतु गन्ना विकास विभाग द्वारा एक टोल फ्री नम्बर जारी किया जाएगा।

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