नई दिल्ली (आईएएनएस)। उद्योग संगठन एसोचैम ने बुधवार को कहा कि कंप्यूटर से जुड़े आविष्कार (सीआरआई) में बौद्धिक संपदा (आईपी) संरक्षण की कमी का आईसीटी उद्योग में निवेश और रोजगार के अवसरों पर सीधा असर होगा।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा, ''सीआरआई में बौद्धिक संपदा संरक्षण की कमी का असर न सिर्फ निवेश पर होता है, बल्कि सूचना, संचार और प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उद्योग में रोजगार और नौकरी की वृद्धि पर भी सीधा प्रभाव पड़ता है।''
उन्होंने कहा, ''भारत अगर शोध व विकास (आरएंडडी) और सॉफ्टवेयर उत्पाद के क्षेत्र में प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी बनना चाहता है तो यह आवश्यक है कि यहां वैश्विक मानकों के अनुरूप आईपी संरक्षण मुहैया कराया जाए।'' एसोचैम ने प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को लिखे पत्र में कहा, ''सीआरआई के दिशानिर्देशों से कम्प्यूटर से संबंधित आविष्कारों के पेटेंट पर प्रतिबंध लग गया है, जब तक किसी उन्नत हार्डवेयर का आविष्कार न हो। इससे समूचा आईसीटी क्षेत्र और संबद्ध उद्योग प्रभावित हुए हैं, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिए महत्वपूर्ण योगदान करते हैं और रोजगार मुहैया कराते हैं।''
एसोचैम ने हाल ही में बीएचआईएम-आधार एप का पेटेंट करने की सिफारिश की और कहा कि सीआरआई के मौजूदा दिशानिर्देश सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के उद्देश्यों का समर्थन नहीं करते हैं।