समझौते में मंत्री की बर्खास्तगी और बेटे की गिफ्तारी शामिल, सिर्फ पैसे पर कोई समझौता नहीं- राकेश टिकैत

लखीमपुर हिंसा को लेकर हंगामा जारी है। लखीमपुर खीरी पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सिर्फ पैसे पर समझौता नहीं हुआ है। समझौते में केंद्रीय मंत्री की बर्खास्तगी और आरोपी बेटे की गिरफ्तारी भी शामिल है।

Update: 2021-10-06 11:12 GMT

लखीमपुर (उत्तर प्रदेश)। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर में मारे गए किसानों के मुद्दे में सरकार और प्रशासन से जो समझौता हुआ है, वो सिर्फ मुआवजे पर नहीं था। उसमें केंद्रीय मंत्री की बर्खास्तगी और आरोपी बेटे की गिरफ्तारी भी शामिल है।

"अभी सिर्फ मुआवजा ट्रांसफर हुआ है। गिरफ्तारी के लिए उन्होंने (प्रशासन-सरकार) 7 दिन का समय मांगा है। वो अपनी कार्रवाई करे। जो इनके मंत्री बयान दे रहे कि हमारा समझौता होगा, वो पैसे पर समझौता करने चाहते हैं तो पैसे पर समझौता नहीं होगा। मंत्री का इस्तीफा और लड़के की गिरफ्तारी हो।" राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा।

बुधवार को बहराइच में किसान गुरविंदर सिंह ढिल्लो के अंतिम संस्कार के बाद लखीमपुर पहुंचे राकेश टिकैत ने ए गुरुद्वारे में मीडिया में बात की। इस दौरान उन्होंने समझौता, आंदोलन आदि को लेकर मीडिया के सवालों के जवाब दिए। गुरविंदर सिंह के परिजनों का कहना था कि उसकी मौत गोली लगने से हुई इसलिए दोबारा पोस्टमार्टम किया जाए। दूसरी रिपोर्ट में भी गोली का जिक्र नहीं था। प्रशासन और किसान नेताओं के बीच वार्ता के बाद शव का बुधवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया।

लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसान गुरविंदर सिंह का बहराइच के नानपारा में बुधवार सुबह हुआ अंतिम संस्कार।

बुधवार को बहराइच में किसान गुरविंदर सिंह ढिल्लो के अंतिम संस्कार के बाद लखीमपुर पहुंचे राकेश टिकैत ने ए गुरुद्वारे में मीडिया में बात की। इस दौरान उन्होंने समझौता, आंदोलन आदि को लेकर मीडिया के सवालों के जवाब दिए। गुरविंदर सिंह के परिजनों का कहना था कि उसकी मौत गोली लगने से हुई इसलिए दोबारा पोस्टमार्टम किया जाए। दूसरी रिपोर्ट में भी गोली का जिक्र नहीं था। प्रशासन और किसान नेताओं के बीच लंबी जद्दोजदह के बाद शव का बुधवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया।

लखीमपुर केस में तिकुनिया खाने में केंद्रीय मंत्री के आरोपी बेटे आशीष मिश्रा मोनू और अन्य 15-120 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 और 120 बी समेत 8 अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री का नाम है। टिकैत ने कहा, हमारी (संयुक्त किसान मोर्चा) की मांग है कि केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त किया जाए, सरकार अपनी रिपोर्ट भेजे। गिरफ्तारी की मांग बाकी है। न्यायिक जांच की मांग बाकी है।"

पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिए गए 50-50 लाख के मुआवजे पर टिकैत ने कहा, "ये गरीब परिवार के लोग हैं इनकी मदद करनी चाहिए। सबको मदद करनी चाहिए।"

समझौते को लेकर एक सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि फैसला किसान संगठन, मारे गए किसानों के परिजनों और प्रशासन के बीच एक कमेटी ने किया था। मुजावजा दिया गया वो समझौते का हिस्सा है। आगे की कार्रवाई गिरफ्तारी के बाद शुरु होगी। नौकरियां एक रुटीन प्रक्रिया उसकी कार्रवाई चल रही होगी। और न्यायिक जांच होगी। सरकार के पास अंतिम अरदास तक का टाइम है।"

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3 अक्टूबर को लखीमपुर में कैसे भड़की हिंसा, क्या था पूरा मामला

लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में 3 अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का कार्यक्रम था, जिसमें तिकुनिया इलाके में डिप्टी सीएम का हेलीकॉप्टर उतरना था लेकिन केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के एक बयान से नाराज किसानों ने हेलीपैड पर कब्जा कर रखा था। जिसके बाद डिप्टी सीएम ने प्रोग्राम बदलकर सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया। इसी दौरान आरोप है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे ने प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, फायरिंग की, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई। जिसके बाद की हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारी किसानों ने गाड़ियों से उतरने वाले तीन लोगों की लाठी डंडों से पिटाई कर दी। जिसमें बीजेपी के 2 कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत हो गई। इस संबंध में कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हैं। केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा कि घटना के वक्त उनका बेटा गाड़ियों में नहीं था और गाड़ियां डिप्टी सीएम की अगवानी के लिए जा रही थीं, इस दौरान प्रदर्शकारियों ने पत्थरबाजी की। इस मामले में कई प्रत्यक्षदर्शी सामने आए हैं, को थार जीप में सुमित मिश्रा के साथ सवाल थे उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि की अगवानी के लिए जाते वक्त प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार पर हमला किया। इस संबंध में बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के पिता की तरफ से लखीमपुर कोतवाली में दी गई तहरीर में भी लिखा गया है कि शुभम ड्राइवर के साथ मुख्य अतिथि की अगवानी के लिए जा रहा था इसी दौरान तिकुनिया में कुछ अराजक तत्वों ने गाड़ी पर हमला किया। और लाठी डंडों से तलवारों स हमला किया, जिसमें डाइवर और शुभम मिश्रा की मौत हो गई। जबकि स्थानीय प्रदर्शनाकरी का कहना था कि गाड़ियां जानबूझकर कर इधर लाई गईं और हमला किया गया।

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