भारत में 2016 में कोई फांसी नहीं दी गई : एमनेस्टी 

Update: 2017-04-12 13:49 GMT
फांसी कीी सजा।

लंदन (भाषा)। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पिछले साल किसी भी व्यक्ति को फांसी नहीं दी गई, हालांकि 136 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई जो इसके पहले के वर्षों के मुकाबले काफी ज्यादा है।

एमनेस्टी ने ‘डेथ सैंटेसेज एंड एक्सीक्यूशंस' नामक वार्षिक रिपोर्ट में कहा है, ‘‘भारत में 2016 में 136 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई जो इसके पहले के वर्षों के मुकाबले काफी ज्यादा है, दूसरी तरफ पाकिस्तान में मौत की सजा की तामील के मामले में 73 फीसदी की गिरावट आई।''

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पिछले साल कोई फांसी नहीं दी, लेकिन वह उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल रहा है जहां ड्रग संबंधी अपराधों को लेकर मौत की सजा सुनाई गई और उसने अपहरण के ऐसे मामलों में मौत की सजा के प्रावधान के लिए अपने कानूनों में संशोधन किया जिनमें पीड़ित की मौत नहीं हुई हो।

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एमनेस्टी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत में पिछले साल के अंत में ऐसे लोगों की संख्या 400 से अधिक थी जिनको मौत की सजा सुनाई गई हो। मई महीने में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय-दिल्ली ने एक विस्तृत अध्ययन प्रकाशित किया था कि मौत की सजा पाए अधिकतर कैदी आर्थिक रुप से कमजोर और सामाजिक रुप से वंचित समूहों से हैं।''

इस मानवाधिकार समूह के अनुसार बीते वर्ष दुनियाभर में 1,032 लोगों को मौत की सजा दी गई, जो पहले के मुकाबले 37 फीसदी कम है, चीन ने सबसे अधिक लोगों को मौत की सजा दी गई।

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