रक्षा मंत्रालय ने शहीदों के परिवार को बड़ी राहत दी है। शहीद, विकलांग, लापता अफसरों और जवानों के बच्चों की शिक्षा के लिए ट्यूशन और हॉस्टल फीस की भुगतान सीमा 10000 रुपये प्रतिमाह की सीमा समाप्त करने का आदेश मंत्रालय ने दे दिया है।
रक्षा मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, ऑफिसर रैंक और परिवीक्षा अवधि के अंतर्गत शहीद अधिकारियों के बच्चों का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। इस फैसले का फायदा युद्ध के दौरान विकलांग हुए जवान, गश्त या युद्ध के दौरान लापता हुए सैनिक या फिर सीमा पर शहीद हुए सैनिकों के बच्चों को मिलेगा। बता दें कि मोदी सरकार ने इस फैसले को बजट के दौरान बदलने का ऐलान किया था।
Ministry of Defence issues order that Educational Concession will continue without the cap of Rs 10,000 per month for the children of Armed Forces Officers, PBORs (Personnel Below Officer Rank) missing, disabled or killed in action.
— ANI (@ANI) March 22, 2018
शहीदों के बच्चों की माताओं ने रक्षा मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने लिखा था कि बच्चों की शिक्षा के लिए दिए जाने वाले फंड को सीमित कर दिए जाने से उनकी शिक्षा दीक्षा में रुकावट आ रही है। लिहाजा इसको बढ़ाया जाए। इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को खत लिखकर राशि को सीमित किए जाने के फैसले को वापस लेने की अपील की थी।
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