मुख्यमंत्री को आजीवन मंत्री का दर्जा देना जागीरदारी प्रथा: तिवाड़ी

Update: 2017-05-08 22:32 GMT
वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी।

जयपुर (भाषा)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री को आजीवन मंत्री का दर्जा देने की तुलना जागीरदारी प्रथा से की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को आजीवन मंत्री का दर्जा देने के निर्णय का विरोध विधानसभा में भी किया था और बाहर भी विरोध करता रहूंगा। तिवाड़ी ने आज जारी बयान में कहा, ‘‘मुझे अभी तक किसी तरह का नोटिस नहीं मिला है। कुछ लोगों ने राज करना अपना जन्मजात अधिकार समझ लिया है और राज में लूट करने की भी उनको छूट है, लेकिन लोकतंत्र में ऐसी व्यवस्था नहीं चलेगी।

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लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गये वादों और जनआकांक्षाओं को पूरा करना होता है।'' वसुंधरा राजे की पहली सरकार में काबीना मंत्री रहे तिवाड़ी ने तीखे तेवर जारी रखते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को जन्मजात काबीना मंत्री का दर्जा देने का कानून देश में कही भी नहीं है। मैंने इसका विधानसभा में भी पेश करते समय विरोध किया। यह नई जागीरदारी की स्थापना है, इसका विरोध जारी रखूंगा।''

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गौरतलब है कि विधानसभा के पिछले दिनों समाप्त हुए बजट सत्र में एक विधेयक पेश किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री को जीवनपर्यन्त काबिना मंत्री का दर्जा देने का विधेयक पारित किया गया है। विधेयक में जयपुर के सिविल लाइंस में एक मकान, एक आरएएस अधिकारी, आठ घरेलू कर्मचारी, बीस लाख रुपये सालाना सरकारी भत्ता देने का प्रावधान है।

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