हमारा सपना है मुस्लिम युवाओं के एक हाथ में हो कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर : मोदी

Update: 2018-03-01 12:57 GMT
मोदी ने किंग जॉर्डन का स्वागत करते हुए उनके देश से भारत के ऐतिहासिक संबंध का जिक्र किया

हमारा सपना है कि मुस्लिम युवाओं के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर हो, यह कहना था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। मोदी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित इस्लामिक हेरिटेज कॉन्फ्रेंस में गुरुवार को बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने मुस्लिम युवाओं के आधुनिकीकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया साथ ही देश की विविधतापूर्ण संस्कृति का हवाला देते हुए उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के नजरिए को भी स्पष्ट किया। इस मौके पर जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय भी मौजूद थे। जॉर्डन के किंग ने भी भारत के नजरिए से सहमति जताते हुए कहा, आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष किसी व्यक्ति या धर्म के विरुद्ध नहीं है।

इससे पहले किंग जॉर्डन का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आपका वतन और हमारा दोस्त देश जॉर्डन इतिहास की किताबों और धर्म के ग्रंथों में एक अमिट नाम है। जॉर्डन एक ऐसी पवित्र भूमि पर आबाद है जहां से खुदा का पैगाम पैगंबरों और संतों की आवाज बनकर दुनिया भर में गूंजा। भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, दुनिया भर के मजहब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं। यहां की आबोहवा में उन्होंने जीवन पाया, सांस ली। चाहे वह 2500 साल पहले भगवान बुद्ध हों या पिछली शताब्दी में महात्मा गांधी। अमन और मोहब्बत के पैगाम की खुशबू भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है।

उन्होंने कहा, भारत भूमि से भारत के प्राचीन दर्शन और सूफियों के प्रेम और मानवतावाद की मिलीजुली परंपरा ने मानवमात्र की मूलभूत एकता का पैगाम दिया है। मानवमात्र के एकात्म की इस भावना ने भारत को वसुधैव कुटुंबकम का दर्शन दिया है। भारत ने सारी दुनिया को एक परिवार मानकर उसके साथ अपनी पहचान बनाई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ बोलते हुए कहा, हमारी विरासत और मूल्य, हमारे मजहबों का पैगाम और उनके उसूल वह ताकत हैं जिनके बल पर हम हिंसा और आतंकवाद जैसी चुनौतियों से पार पा सकते हैं। इंसानियत के खिलाफ दरिंदगी का हमला करने वाले शायद यह नहीं सझते कि नुकसान उस मजहब का होता है जिसके लिए खड़े होने का दावा वह करते हैं।

देश में सभी के विकास को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर मोदी ने कहा, मजहब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता। हर पंथ, हर संप्रदाय, हर परंपरा मानवीय मूल्यों का बढ़ावा देने के लिए ही है। इसलिए आज सबसे ज्यादा जरूरत यह है कि हमारे युवा एक तरफ मानवीय इस्लाम से जुड़े हों और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का भी इस्तेमाल कर सकें। भारत में हमारी यह कोशिश है कि सबकी तरक्की के लिए सबको साथ लेकर चलें, क्योंकि सारे मुल्क की तकदीर हर शहरी की तरक्की से जुड़ी है।

इस अवसर पर किंग जॉर्डन ने कहा, हमारी आस्था हमें ईश्वर से, अच्छाई से और अपने पड़ोसियों से प्रेम करना सिखाती है। हमारी आस्था हर रोज हमें प्रेरणा देती है। मेरा धार्मिक विश्वास मुझे सिखाता है कि हम एक-दूसरे को समझें, एक-दूसरे में निहित मानवता को पहचानें, मैं यही अपने बच्चों को सिखाता हूं, यही वह आस्था है जो दुनिया भर में 180 करोड़ मुसलमानों को एक करती है। हर रोज मैंने यह जाना कि एक मुसलमान का कर्तव्य है कि वह कमजोर की रक्षा करे और जरूरतमंदों की मदद करे। आज आतंकवाद के खिलाफ जंग आस्था और मानवता के हत्यारों के विरुद्ध है। यह किसी धर्म के खिलाफ नहीं है।

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