पापा घर वापस आएंगे, मुंबई हमले में शहीद की बेटी का न पूरा होने वाला सपना

Update: 2017-11-26 12:20 GMT
शहीद तुकाराम ओमबाले। 

मुंबई (भाषा)। आज 26/11 आतंकवादी मुंबई हमलों की नौवीं बरसी है। तुकाराम ओमबाले की बेटी का कहना है, आतंकी हमले को भले ही नौ वर्ष बीत गए हों, पर अब भी परिवार को ऐसा लगता है कि वह घर लौटेंगे।

तुकाराम ओमबाले वह पुलिसकर्मी हैं जो मुंबई हमले के समय आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने की कोशिश में शहीद हुए। हमले की बरसी से पहले वैशाली ओमबाले नम आंखों से अपने पिता को याद करते हुए कहती हैं, "हम महसूस करते हैं कि पापा किसी भी क्षण घर लौट जाएंगे, हालांकि हमें यह पता है कि वह अब कभी नहीं आएंगे।"

एम-एड की पढ़ाई कर चुकी वैशाली शिक्षिका बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा, "हम अक्सर यह सोचा करते हैं कि पापा ड्यूटी पर गए हैं और वह घर लौट आएंगे। हमने उनके सामानों को घर में उन्हीं जगहों पर रखा है जहां वे पहले रहते थे। उनके सर्वोच्च बलिदान पर हमारे परिवार को गर्व है।"

तुकाराम मुंबई पुलिस में सहायक उप निरीक्षक थे। 26 नवंबर, 2008 की देर रात कसाब को पकडने की कोशिश में उन्हें कई गोलियां लगीं और उनकी मौत हो गई। उनके साहसिक प्रयास का नतीजा था कि कसाब जिंदा पकड़ा गया था। बाद में कसाब को फांसी दी गई।

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वैशाली ओम्बाले ने कहा, नौ साल बीत गए, लेकिन ऐसा एक दिन नहीं बीता, जब हमने उनको याद न किया हो। वह अपनी मां तारा और बहन भारती के साथ वर्ली पुलिस कैम्प में रहती हैं. भारती राज्य सरकार के जीएसटी विभाग में अधिकारी हैं।

आतंकी हमले की नौवीं बरसी पर मुंबई में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

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