मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत: किसान संगठनों ने दिखाई अपनी ताकत, 9-10 को लखनऊ में यूनियनों की बैठक, 27 सितंबर को भारत बंद
मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत सकुशल संपन्न हो गई। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देशभर से 20 लाख किसान महापंचायत में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि Farm Laws की वापसी तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसान राजनीति के गढ़ रहे पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में लाखों की भीड़ जुटाकर किसान संगठनों ने सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराया है। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक ये अब तक की सबसे बड़ी किसान पंचायत थी, जिसमें देशभर से लाखों किसान शामिल हुए हैं। किसान नेताओं ने साफ किया है कृषि कानून वापसी तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी अगली रणनीति का भी महापंचायत में ऐलान किया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और संयुक्त किसान मोर्चा के अहम सदस्य राकेश टिकैत ने कहा, "जम्मू- कश्मीर से लेकर केरल तक के 20 लाख किसानों ने मुजफ्फरनगर पहुँच कर तानाशाह सरकार को एक बार फिर सर्टिफिकेट दे दिया जिन्हें वह मुठ्ठी भर किसान कहती है वह पूरे देश के किसान हैं।"
इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों की वापसी तक देशभर में किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं। मैं महापंचायत से सीधे गाजीपुर बॉर्डर ही जाउंगा।
राकेश टिकैत ने कहा, "9 महीने से किसानों का आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार ने बात बंद कर दी है। सैकड़ों किसानों के लिए एक मिनट का मौन तक नहीं रखा। देश में बड़ी मीटिंग करनी होगा। सिर्फ मिशन यूपी नहीं देश को भी बचाना है।" उन्होंने सवाल पूछा कि जिस तरह से देश की संपत्तियां बेची जा रही है उसकी अनुमति किसने दी?
जम्मू- कश्मीर से लेकर केरल तक के 20 लाख किसानों ने मुजफ्फरनगर पहुँच कर तानाशाह सरकार को एक बार फिर सर्टिफिकेट दे दिया जिन्हें वह मुठ्ठी भर किसान कहती है वह पूरे देश के किसान हैं। #5SeptemberKisanPanchayatMuzaffarnagar pic.twitter.com/P48ubRXXWZ
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) September 5, 2021
हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में 7 सितंबर को करनाल में किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। 9-10 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई किसान संगठनों की बड़ी बैठक होगी, जिसमें आगे रणनीति तय होगी। इसके अलावा 15 सितंबर को राजस्थान की राजधानी जयपुर में किसान संसद का आयोजन किया जा रहा है। कृषि कानूनों की वापसी और अपनी दूसरों की मांगों को लेकर आंदोलनरत किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है।
मुजफ्फनगर किसान महापंचायत में संयुक्त मोर्चा की अगुवाई में देशभर के करीब 300 संगठनों से जुड़े किसान, किसान नेता शामिल हुए। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य, राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव ने गन्ना किसानों की धरती से गन्ने के बकाया, गन्ना मूल्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का मुद्दा उठाया और सीएम योगी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को घेरा।
योगेंद्र यादव ने कहा कि यूपी सरकार ने कहा था कि वो गेंहू का एक एक दाना गेहूं खरीदेगी लेकिन प्रदेश में सिर्फ 18 फीसदी गेहूं की खरीद हुई है यानि 100 बोरे में सिर्फ 18 बोरी की खरीद हुई है।
महापंचायत में पहुंचे लोगों का मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों में जोरदार स्वागत हुआ। जगह-जगह खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक के मुताबिक 1500 से ज्यादा भंडारे मुजफ्फरनगर में चलाए जा रहे थे इलाके अलावा हजारों चलते-फिरते भंडारों का इंतजाम किया था। हर धर्म और वर्ग के लोगों ने अपने-अपने स्तर पर खाने का इंतजाम किया था।
किसान महापंचायत में आए लोगों का धन्यवाद करते हुए बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा, "सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद, अगर हमसे किसी भाई के आदर सत्कार में कोई कमी रह गई हो तो उसके लिए माफी चाहते हैं।"