National Milk Day: गाय-भैंस की देसी नस्लों के संरक्षण के लिए इस बार किसे मिला गोपाल रत्न पुरस्कार

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर देशी गाय/भैंस की नस्लों को पालने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान विजेता, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/ दुग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन को सम्मानित किया जाता है।

Update: 2022-11-25 07:36 GMT

श्वेत क्रांति के जनक और भारत के मिल्क मैन कहे जाने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्म दिवस के दिन हर साल राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है। इसी दिन देश में डेयरी और पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले लोगों को गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। जानिए इस बार किसे यह सम्मान मिला है।

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर देशी गाय/भैंस की नस्लों को पालने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान विजेता, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/ दुग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन के विजेताओं को राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार दिया जाता है।

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह,2022 के अवसर पर, डॉ. बाबू राजेंद्र प्रसाद अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र, जीकेवीके परिसर, बेंगलुरु, कर्नाटक में 26 नवंबर 2022 को पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार द्वारा आयोजित एक समारोह में विजेताओं के बीच इन पुरस्कारों का वितरण किया गया।

इन पुरस्कारों में प्रथम रैंक के लिए 05 लाख रुपये, दूसरी रैंक के लिए 03 लाख रुपये और तीसरी रैंक के लिए 02 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रत्येक श्रेणी के लिए योग्यता प्रमाणपत्र और एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने अपने विकसित ऑनलाइन आवेदन पोर्टल यानी https://awards.gov.in के माध्यम से आवेदनों को 01.08.2022 से 10.10.2022 तक आमंत्रित किया था और इसके लिए कुल 2,412 आवेदन प्राप्त हुए थे।


स्वदेशी मवेशी/भैंस की नस्लों को पालने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान

पहला पुरस्कार - जितेंद्र सिंह, फतेहाबाद, हरियाणा

दूसरा पुरस्कार- रविशंकर शशिकांत सहस्रबुद्धे, पुणे, महाराष्ट्र

तीसरा पुरस्कार - गोयल सोनलबेन नारन, कच्छ, गुजरात

सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) पुरस्कार

पहला पुरस्कार- गोपाल राणा, बलांगीर, ओडिशा

दूसरा पुरस्कार- हरि सिंह, गंगानगर, राजस्थान

तीसरा पुरस्कार- माचेपल्ली बसवैया, प्रकाशम, आंध्र प्रदेश

सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/ दूग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन पुरस्कार

पहला पुरस्कार- मनंतवाडी क्षीरोलपादका सहकरण संगम लिमिटेड, वायनाड, केरल

दूसरा पुरस्कार- अराकेरे दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड, मांड्या, कर्नाटक

तीसरा पुरस्कार- मन्नारगुडी एमपीसीएस, तिरुवरूर, तमिलनाडु

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार की कब हुई थी शुरुआत

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार पशुधन और डेयरी क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी मवेशीयों को पालने वाले किसानों, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों और डेयरी सहकारी समितियों/ दुग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठनों की पहचान करना और उन्हें प्रोत्साहित करना है।

पशुधन क्षेत्र वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिसमें कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्र जीवीए का एक तिहाई हिस्सा शामिल है और इनका सीएजीआर 08 प्रतिशत से ज्यादा है। साथ ही, पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन गतिविधियां लाखों लोगों को सस्ता और पौष्टिक भोजन प्रदान करने के अलावा, विशेष रूप से भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों और महिला किसानों के लिए आय उत्पन्न करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

भारत में स्वदेशी गोजातीय नस्लें बहुत मजबूत हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता रखती हैं। स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण पर एक विशिष्ट अभियान की कमी होने के कारण उनकी आबादी घट रही है और उनका प्रदर्शन वर्तमान में वास्तविक क्षमता से कम है। इसलिए मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग ने स्वदेशी गोजातीय नस्लों को संरक्षण प्रदान करने और उनका विकास करने के उद्देश्य से दिसंबर 2014 में राष्ट्रीय गोजातीय प्रजनन और डेयरी विकास कार्यक्रम के अंतर्गत "राष्ट्रीय गोकुल मिशन" की शुरुआत की थी।

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