बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ज़्यादा, सुरजेवाला ने कहा- इसीलिए छिपा रहे थे डेटा

Update: 2019-01-31 08:55 GMT

लखनऊ। देश में साल 2017-18 में बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा थी। अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड ने 'नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस' (एनएसएसओ) के ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए एक खबर की है। बिजनेस स्टैंडर्ड का दावा है कि यह आंकड़े एनएसएसओ की उसी रिपोर्ट से मिले हैं जिसे राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा मंजूरी मिलने के बाद भी जारी नहीं किया गया।

एनएसएसओ की रिपोर्ट के आधार पर बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक 1972 के बाद देश में बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है। यह स्‍थ‍िति नोटबंदी के बाद ज्‍यादा खराब हो गई। 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही है। वहीं, साल 2011-12 में बेरोजगारी दर 2.2 फीसदी थी। 2011-2012 में केंद्र में यूपीए की सरकार थी। इस सैम्पल सर्वे में जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 तक के आंकड़े लिए गए हैं।

बता दें, दिसंबर महीने में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा मंजूरी मिलने के बाद भी इस रिपोर्ट को जारी नहीं किया गया था। इसके बाद सांख्यिकी आयोग के चेयरपर्सन पीसी मोहनन सहित दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। अब सरकार के अंतरिम बजट से ठीक पहले ये रिपोर्ट मीडिया के हवाले से सामने आई है। ऐसे में इसे लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने में भी जुट गई हैं।

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बिजनेस स्टैंडर्ड की इस खबर को साझा करते हुए ट्वीट किया कि, ''मोदी जी, बेरोज़गारी दर 45 साल में सबसे ज़्यादा! इसीलिये आप डेटा छिपा रहे थे। इसीलिये सांख्यिकी आयोग में इस्तीफ़े हुए।'' सुरजेवाला ने कहा, ''वादा था हर साल 2 करोड़ नौकरियों का, पर आपकी सरकार ने तो नौकरियां ख़त्म करने का रिकॉर्ड बना दिया।'' सुरजेवाला ने कहा, ''देश को नहीं चाहिये, युवाओं के भविष्य से खेलने वाली ऐसी भाजपा सरकार।''  

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