विकल्प कारोबार से पीली धातु के कारोबार को संगठित करने में मिलेगी मदद : अरुण जेटली 

Update: 2017-10-17 15:10 GMT
वित्त मंत्री अरुण जेटली।

नई दिल्ली (भाषा)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज प्रमुख जिंस एक्सजेंस एमसीएक्स में सोने के विकल्प कारोबार का शुभारंभ करते हुए कहा कि इससे पीली धातु के कारोबार को संगठित करने में मदद मिलेगी।

एमसीएक्स ने कहा कि सोने के विकल्प की सफलता के बाद वह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से अन्य जिंसों मसलन कपास, कच्चा पाम तेल, चांदी और तांबा के विकल्प कारोबार की भी अनुमति मांगेगा। फिलहाल एमसीएक्स सोने और अन्य जिंसों में वायदा कारोबार की पेशकश करता है।

हालांकि उद्योग लंबे समय से वित्तीय हानि से बचाव के लिए वायदा (हेजिंग) के विकल्प जैसे अन्य उत्पादों की भी मांग कर रहे हैं। धनतेरस के शुभ दिन पर विकल्प कारोबार का शुभारंभ करते हुए जेटली ने कहा, यह पीली धातु के कारोबार में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, इस वायदा का विकल्प मिलने से सभी जोखिमों की हेजिंग हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सोने की काफी खरीद करते हैं, यह नया उत्पाद बेहद सफल होगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जोर देकर कहा कि सरकार सोने के कारोबार के संगठित करने पर जोर दे रही है। मुझे भरोसा है जितना आप इसे संगठित करेंगे उतना ही यह ग्राहकों, जौहरियों और इसमें कारोबार करने वाले अन्य लोगों के लिए अच्छा होगा। यह उस कारोबारी माहौल के अनुरुप हो जो हम भविष्य में देखते हैं।

अरुण जेटली ने कहा कि सेबी ने करीब 14 साल पहले देश में जिंस एक्सचेंजों को शुरू करने की अनुमति दी थी। उसके बाद से यह विकल्प व्यापार का पहला उत्पाद है, आज शुरू किए गए सोने के विकल्प अनुबंध के तहत एक किलोग्राम सोने के कारोबार की अनुमति होगी।

एमसीएक्स के अनुसार सोने का विकल्प अनुबंध आज से ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होगा। निवेशक एक किलोग्राम सोने में कारोबार कर सकते हैं, यह अनुबंध नवंबर और जनवरी, 2018 में समाप्त होगा।

इस नए उत्पाद के प्रचार प्रसार के बारे में पूछे जाने पर एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी मरगंक परांजपे ने कहा कि यह काफी कम लागत का उत्पाद है, हालांकि शुरुआत में हम इस पर दिसंबर तक किसी तरह का लेनदेन शुल्क नहीं लेंगे। अन्य जिंसों के विकल्प कारोबार के बारे में पूछे जाने पर परांजपे ने कहा कि सेबी के नियम के अनुसार सिर्फ उन जिंसों में विकल्प कारोबार की अनुमति दी जा सकती है जिनमें एक निश्चित मात्रा में कारोबार होता है. हमारे पास ऐसे 7-8 जिंस हैं, मसलन कपास, सीपीओ, कच्चा तेल, चांदी, जस्ता और तांबा।

एमसीएक्स के चेयरमैन सौरभ चंद्र ने इसे एक प्रमुख सुधार बताया। उन्होंने कहा कि विकल्प से बाजार की मूल्य खोज प्रक्रिया अधिक दक्ष हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार और सेबी द्वारा जिंस बाजारों को चरणबद्ध तरीके से एकीकृत करने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं. बाजार को और मजबूत करने के लिए नीति आयोग में एक समिति भी गठित की गई है जिससे हाजिर और डेरिवेटिव्स बाजारों का एकीकरण किया जा सके।

इस मौके पर वित्त सचिव अशोक लवासा, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार विवेक देवरॉय, एमसीएक्स के चेयरमैन सौरभ चंद्रा और एमसीएक्स के निदेशक और मुख्य कार्यकारी मरगंक परांजपे मौजूद थे।

एमसीएक्स देश का प्रमुख जिंस एक्सचेंज है और इसकी बाजार हिस्सेदारी 90 फीसदी से अधिक है, सोना, मूल धातु और ऊर्जा क्षेत्र में एक्सचेंज की बड़ी मौजूदगी है।

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