उत्तर प्रदेश सरकार चाहे तो अपने खजाने से कर सकती है किसानों का ब्याज या कर्ज़ माफ : कृषि मंत्री 

Update: 2017-03-30 14:32 GMT
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह।

नई दिल्ली (भाषा)। किसानों के सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार अगर अपने राज खजाने से किसानों के ब्याज या कर्ज का भार उठाती है तो उन्हें खुशी होगी।

प्रदेश अपने बजट से अगर किसानों का कर्ज माफ तो खुशी की बात

लोकसभा में कृषि मंत्री ने उत्तरप्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों में किसानों की कर्ज माफी की कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों की मांग पर कहा कि उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने घोषणापत्र में लघु एवं सीमांत किसानों की ऋण माफी की बात कही थी।‘‘ कोई राज्य सरकार अगर अपने राज खजाने से ब्याज या ऋण का भार उठाती है, तो उन्हें खुशी होगी।''

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उन्होंने कहा कि तमिलनाडु समेत विभिन्न राज्यों को किसान कल्याण योजनाओं, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए पैसा दिया जाता है लेकिन राज्य इन्हें पूरा खर्च नहीं कर रहे हैं।

आपदा कोष से संप्रग की तुलना में मोदी सरकार ने दोगुना पैसा दिया

राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा की स्थिति रही है और राज्यों को राज्य आपदा कोष में पैसा दिया जाता है। कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान पांच वर्षों में राज्य आपदा कोष में 24 हजार करोड़ रुपए दिए गए थे और मोदी सरकार आने के बाद इसे बढ़ाकर 47 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया।

तमिलनाडु को राज्य आपदा कोष में संप्रग सरकार के 5 वर्षों में 1082 करोड़ रुपए दिए गए जो मोदी सरकार के दौरान 5 वर्षों के लिए बढ़ाकर 3,000 करोड़ रुपए कर दिए गए।
राधा मोहन सिंह कृषि मंत्री

कृषि मंत्री ने कहा इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा कोष से भी राज्यों को मदद दी जाती है। 2010-11, 2011-12, 2012-13 और 2013-14 के दौरान चार वर्षों में राज्यों को राष्ट्रीय आपदा कोष से 12 हजार करोड़ रुपए दिए गए जबकि मांग 92 हजार करोड़ रुपए थी। उन्होंने कहा कि 2014-15 में कोष से राज्यों को 9 हजार करोड़ रुपए और 2015-16 में 15 हजार करोड़ रुपए दिए गए।

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

कृषि मंत्री सिंह ने कहा कि जहां तक तमिलनाडु के किसानों का सवाल है, वित्त मंत्री, वाणिज्य मंत्री, गृह मंत्री समेत विभिन्न मंत्रियों से इस बारे में प्रदेश सरकार ने चर्चा की है।

पहले किसानों को ऋण पर 9 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता था

कांग्रेस सदस्यों द्वारा कर्ज माफी का विषय उठाने पर राधा मोहन सिंह ने कहा कि पहले किसानों को ऋण पर 9 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता था और जब पूर्व की राजग सरकार में राजनाथ सिंह मंत्री थे तब इसे 2 प्रतिशत कम किया गया। इसमें से किसानों को 4 प्रतिशत देना पड़ता है, कई राज्य अपने राज खजाने से ब्याज का भार उठाते हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने 2008 में कर्ज माफी की घोषणा की थी। 2005 में कृषि एवं कृषि कार्य से जुडे श्रमिकों की आत्महत्या के 15 प्रतिशत मामले थे जो 2008 में 13 प्रतिशत थे। 2009 में यह बढ़कर 13.7 प्रतिशत हो गए। और अभी यह दर 9.4 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि सरकार जितनी भी योजना चला रही है, उसका ध्येय किसानों का सशक्तिकरण है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

लोकसभा में कांग्रेस उपाध्यक्ष की बात सुनते हुए राहुल गांधी कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया।

इससे पहले कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने 71 हजार करोड़ रुपए की ऋण माफी योजना लाई थी, जिससे 3.5 करोड़ किसानों को फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में भाजपा ने ऋण माफी की बात कही थी लेकिन कोई पहल नहीं हुई।

जंतर मंतर पर धरना देते तमिलनाडु के किसान। किसानों को समझाते पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणास्वामी।

तमिलनाडु के किसान दिल्ली में धरना दे रहे हैं, महाराष्ट्र में किसान अत्महत्या कर रहे हैं, किसान परेशान है लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सिंधिया ने कहा कि हम मांग करते हैं कि किसानों की ऋण माफी योजना लाई जाए।

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