शिक्षक दिवस पर देश के 11 लाख शिक्षकों को मंत्री प्रकाश जावडेकर की चेतावनी, अगर वर्ष 2019 तक पास नहीं हुए, तो नौकरी गई

Update: 2017-09-05 15:03 GMT
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर।

नई दिल्ली (भाषा)। बदलाव, सशक्तिकरण और नेतृत्व के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि देश में 11 लाख शिक्षक अभी भी पात्रता अर्हता पूरी नहीं करते हैं और ऐसे शिक्षकों के लिए सरकार ने एक आखिरी मौका दिया है जिसके तहत उन्हें अगले दो वर्ष में पात्रता हासिल करनी होगी।

शिक्षक दिवस पर यहां आयोजित समारोह में आज उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 319 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान 2016 प्रदान किया और डिजिटल आधारभूत प्लेटफार्म 'दीक्षा ' का शुभारंभ किया।

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के जरिए हम देश के एक करोड़ शिक्षकों को बताना चाहते हैं कि हम उनका सम्मान करते हैं, अगर कोई अच्छा काम करे, साल भर मन लगाकर बच्चों को पढ़ाए, तो कोई तो होना चाहिए जो शिक्षकों के काम की सराहना करे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को प्रतिष्ठा मिलनी चाहिए लेकिन इसके साथ साथ शिक्षकों को भी इसके अनुरुप काम करके दिखना चाहिए।

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि देश में 11 लाख शिक्षक अभी भी पात्रता अर्हता पूरी नहीं करते हैं, उनके लिए हमने आखिरी मौका दिया है, उन्हें अगले दो वर्ष में अर्हता हासिल करनी होगी। दो साल के सार्थक अध्ययन से पात्रता हासिल करने का उनके पास आखिरी मौका है। 15 सितंबर तक उन्हें इस बारे में पंजीकरण करना होगा, अगर वे 2019 तक पास नहीं होते हैं, तब उनकी नौकरी नहीं रहेगी।

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री का संदेश प्रेरणादायक है, प्रधानमंत्री ने कहा है कि पांच साल बदलाव के लिए शिक्षण, सशक्तिकरण के लिए शिक्षा और नेतृत्व के लिए ज्ञान अर्जन को लेकर समपर्ति होने चाहिए। हमें इसे सार्थक बनाना है. हमारे समक्ष चुनौती भी है। देश में 10 लाख सरकारी स्कूल हैं, अगर निजी स्कूल अच्छे है, तब सरकारी स्कूल भी अच्छे हों, तभी हम शिक्षा के लिए सशिक्तकरण के उद्देश्य को हासिल कर पाएंगे।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की बात करते हैं. कल तक हम ' 'आपरेशन ब्लैकबोर्ड ' ' की बात करते थे, लेकिन अब हम देख रहे हैं कि ' 'आपरेशन डिजिटल बोर्ड ' ' साकार होने जा रहा है। ' ' आने वाले पांच वर्षों में यह साकार होने वाला है। ' '

जावडेकर ने कहा कि आज अभी 'दीक्षा ' प्लेटफार्म पेश किया गया. यह समझने की जरुरत है कि हमारे शिक्षक हमारे हीरो हैं, दीक्षा प्लेटफार्म पर यू ट्यूब के जरिए शिक्षक अच्छे अच्छे पाठ पढ़ाएं। ये इस प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं, आप (शिक्षक) अच्छा पढ़ाते रहें और उसे अपलोड भी कर सकते हैं। एक दूसरे से सीखना यही तो इस प्लेटफार्म का उद्देश्य है, इसी मकसद से एक नया प्लेटफार्म तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा कि पिछले गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हमने देश के ऐसे सांसदों को सम्मानित किया, जो उत्तम शिक्षक हैं, तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी शिक्षक के पेशे से राजनीति में आए, हमने ऐसे 60 संसदों को सम्मानित किया जो शिक्षक है।

केंद्रीय मंत्री ने हास्य विनोद के अंदाज में कहा कि इससे एक बात साबित होती है, कि सभी गए गुजरे नहीं हैं, राजनीति सबसे अधिक गलत समझा गया और कमतर आंका गया पेशा है। जावडेकर ने कहा कि हमें इस विषय पर विचार करना होगा कि शिक्षक की प्रतिष्ठा हो या पैसे की पूजा, समाज को यह तय करना होगा।

उन्होंने कहा कि पुराने जमाने में शिक्षक की एक प्रतिष्ठा होती थी, तब तनख्वाह कम थी, अब तनख्वाह बढ़ गई है, लेकिन लोगों में पैसे का भाव आ गया है। शिक्षकों की प्रतिष्ठा हो और शिक्षकों को भी ऐसा काम करके दिखना चाहिए कि उनकी प्रतिष्ठा बढ़े।

इस समारोह में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा और सत्यपाल सिंह भी मौजूद थे। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश ने कहा कि कुशवाहा पहले से हमारा सक्रिय सहयोग करते रहे हैं और वे एक शिक्षक भी है, सत्यपाल सिंह पहले मुम्बई के पुलिस कमिश्नर थे और अब डंडा छोड़कर आए हैं लेकिन वे सामूहिक नकल और फर्जी कालेजों के खिलाफ सख्ती बरतेंगे।

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