नयी दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के 56वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को सम्बोधित किया और आईएआरआई संस्था के बारे में दस बड़ी बातें बताई।
1. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के जन्म को एक सौ बारह वर्ष पूरे हुए।
2. देश के खाद्यान्न उत्पादन में बदलाव लाने वाली ‘हरित-क्रांति’ में, इस संस्थान की अहम भूमिका रही है।
3. आईएआरआई के पूर्व छात्रों में डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन, डॉक्टर संजय राजाराम और डॉक्टर एस. के. वासल जैसे, विश्व में सम्मानित, कृषि वैज्ञानिक शामिल हैं।
4. आईएआरआई में डॉक्टर वी. एल. चोपड़ा, डॉक्टर आर. एस. परोदा, डॉक्टर वी. पी. सिंह जैसे कृषि वैज्ञानिकों ने अध्यापन किया है और अपने अनुसन्धानों से महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
5. आईएआरआई में इस वक्त चौदह देशों के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
6. आईएआरआई की विकसित बासमती किस्मों के निर्यात से करीब अठारह हजार करोड़ रुपए सालाना विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
7. आईएआरआई की विकसित, ‘आम्रपाली’ एवं ‘मल्लिका’ नामक आम की हाइब्रिड प्रजातियों से उड़ीसा एवं झारखण्ड के आदिवासी क्षेत्रों के किसानों की आय को बढ़ाने में सहायता मिली है। ये प्रजातियां पंद्रह से अधिक राज्यों में लगाई जा रही हैं। इन प्रजातियों की बागवानी सूखी और बंजर जमीनों में भी की जा सकती है।
8. आईएआरआई की अनेक प्रजातियों के योगदान से देश में गेहूं का रेकॉर्ड उत्पादन हुआ है।
9. आईएआरआई की विकसित सब्जी की किस्मों से देश में खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिली है।
10. आईएआरआई ने राष्ट्रीय मिशन के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे ‘नीम कोटेड यूरिया’ की टेक्नोलोजी का विकास किया है।
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इनपुट पीअाईबी
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