निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार के रुख के खिलाफ : प्रशांत भूषण  

Update: 2017-08-24 14:16 GMT
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने गुरुवार को निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार के लिए झटका है। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद संवाददाताओं से कहा, "यह सरकार के लिए झटका है, क्योंकि यह निजता पर सरकार के रुख के खिलाफ है।"

सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय पीठ ने सर्वसम्मति से दिए अपने फैसले में कहा कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है।

यह फैसला केंद्र सरकार की आधार योजना के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जिसने बैंक खातों से आधार को जोड़े जाने, आयकर रिटर्न और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बना रखा है।

यह पूछने पर कि क्या इस फैसले से आधार योजना पर कोई असर होगा, भूषण ने कहा, "यह फैसला इस बारे में कुछ नहीं कहता।" प्रशांत भूषण के अनुसार, ऐसा लगता है कि कोई भी कानून, जो मौलिक अधिकारों का हनन करता हो, उसे संविधान के अनुच्छेद 21 की कसौटी पर परखा जाएगा।

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प्रशांत भूषण ने कहा, "यदि सरकार रेलवे टिकट बुक करने या किसी तरह की खरीदारी के लिए आधार को अनिवार्य बनाएगी तो इस तरह के कानूनों को निजता के अधिकार पर अकारण प्रतिबंध समझा जाएगा। मुझे लगता है कि यह समाप्त हो जाएगा।"

आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं को अब अलग पांच सदस्यीय न्यायिक पीठ के समक्ष पेश किया जाएगा।

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