वेंकैया नायडू का कांग्रेस से अनुरोध, जीएसटी उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हों

Update: 2017-06-30 16:23 GMT
एम वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली (भाषा)। केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से ऐतिहासिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन को लेकर आज मध्य रात्रि में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है, उन्होंने कहा कि इस गरिमामय कार्यक्रम की आभा को 'आछे कारणों' से नहीं बिगाड़ा जाना चाहिए।

सूचना प्रसारण, शहरी विकास और आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री नायडू ने दावा किया कि कांग्रेस इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही है कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए है और इसीलिए वह संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम का विरोध कर रही है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस से समारोह के बहिष्कार के निर्णय पर पुनर्विचार का अनुरोध किया।

जीएसटी पर समाचार टीवी चैनल आजतक के एक कार्यक्रम में नायडू ने कांग्रेस के रुख के पीछे के कारण के बारे में कहा, ' 'कांग्रेस और उसके कुछ मित्रों ने राजनीतिक कारणों से यह फैसला किया है, वे ही इसका कारण बता सकते हैं। ' '

उन्होंने कहा, ' 'जीएसटी की परिकल्पना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने की थी। इसके बाद आने वाली सभी सरकारों ने जीएसटी को हकीकत में बदलने में अपना अहम योगदान दिया। इसके चलते ही संसद के दोनों सदनों ने इसे पारित किया लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब विपक्ष जीएसटी कार्यक्रम का विरोध कर रहा है. जबकि हकीकत यह है कि विपक्ष समेत देश के किसी राजनीतिक दल को जीएसटी के किसी प्रावधान से कोई दिक्कत नहीं है।' '

भाजपा नेता ने कहा कि अब ऐसे में कार्यक्रम का विरोध करना कुछ और नहीं बल्कि ओछी हरकत है। यह पूछे जाने पर कि आखिर जीएसटी पर जब पूरा विपक्ष तैयार है तो वह किन कारणों से इसके उद्घाटन समारोह का विरोध कर रहे हैं। नायडू ने कहा, ' 'विपक्ष दल इसका विरोध महज इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन मंत्र रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांस्फॉर्म को सफल होता नहीं देखना चाहते क्योंकि यह उनकी राजनीतिक है।

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नायडू के मुताबिक जब विपक्ष समेत देश के सभी राजनीतिक दल जीएसटी मसौदे पर एकमत है, ऐसे में उनका विरोध सिर्फ यह दिखाता है कि वह प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने में हिचक रहे हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस प्रधानमंत्री का इसलिए विरोध कर रही है, क्योंकि वह स्वयं को नेहरु के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं, नायडू ने कहा, ' '1947 में लोगों ने जवाहरलाल नेहरु को को बहुमत दिया। 2014 में लोगों ने नरेंद्र मोदी को बहुमत दिया....उन्हें इस बात को स्वीकार करना चाहिए वह देश के प्रधानमंत्री हैं। ' '

उन्होंने कहा, ' 'यह गरिमामयपूर्ण कार्यक्रम है, हम ऐतिहासिक कर सुधार लागू कर रहे हैं, यह राष्ट्रीय एकीकरण और आर्थिक एकीकरण है, यह बस जीएसटी की शुरुआत का कार्यक्रम है। ' '

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