पूर्वोत्तर राज्यों के हस्तशिल्पकारों के हुनर को आगे बढ़ाएगी आत्मनिर्भर हस्तशिल्पकार योजना

इस योजना के माध्यम से एनईडीएफआई जमीनी स्तर के हस्त शिल्पकारों (कारीगरों) को उन्हें काम शुरू करने, बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद करेगा।

Update: 2021-12-10 12:05 GMT

कागज के फूलों का गुलदस्ता बनाती मणिपुर की हस्तशिल्पकार। फोटो: दिवेंद्र सिंह

पूर्वोत्तर राज्यों में हस्तशिल्प और शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए उनके लिए एक नई योजना- आत्मनिर्भर हस्तशिल्पकार योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना की मदद से शिल्पकारों को अपना व्यवसाय और हुनर बढ़ाने में मदद मिलेगी।

पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रमुख वित्तीय संस्थान, पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड (एनईडीएफआई) ने इस क्षेत्र के छोटे स्तर पर काम करने वाले हस्तशिल्पकारों का विकास करने के उद्देश्य से इस योजना की घोषणा की है। इस योजना के माध्यम से एनईडीएफआई जमीनी स्तर के हस्त शिल्पकारों (कारीगरों) को उन्हें काम शुरू करने, बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद करेगा।

पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड असम के गुवाहाटी में दिसपुर स्थित मुख्यालय में योजना का शुभारंभ किया गया। योजना शुरू करते समय आयोजित समारोह के दौरान, कुल 17 हस्त शिल्पकारों को प्रति कारीगर 1 लाख रुपये की ऋण सहायता दी गई। इस योजना के लिए ऋण (क्रेडिट) सुविधा है और इसमें 6% प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर है जिसे 24 महीनों में चुकाया जा सकता है।

नियमित रुप से ऋण चुकाने के लिए, ब्याज दर पर 1% का प्रोत्साहन दिया जाता है, जो हस्तशिल्पकारों के ऋण चुकाने पर उन्हें वापस कर दिया जाएगा। इच्छुक पात्र हस्त शिल्पकार पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड (एनईडीएफआई) के गुवाहाटी में पंजीकृत कार्यालय और इसकी किसी भी शाखा के कार्यालय में योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

इन लोगों को मिलेगा योजना लाभ

पंजीकृत/अपंजीकृत हस्त शिल्पकार/व्यक्ति

वैध योग्यता होना या किसी कला रूप से सम्बद्ध होना

किसी अन्य बैंक/वित्तीय संस्थान से कोई मौजूदा ऋण नहीं होना चाहिए

बैंक खाता

आधार कार्ड (वैकल्पिक)

अधिक जानकारी के लिए www.nedfi.com पर जाएं

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