चमगादड़ का निपाह वायरस इंसानों के लिए बना खतरा, अब तक नौ लोगों की मौत

Update: 2018-05-22 12:15 GMT
लखनऊ। चमगादड़ के जरिये फैलने वाले निपाह वायरस इंसानों के लिए खतरा बन गया है। इस वायरस से आधिकारिक रूप से अब तक नौ लोगों की मरने की पुष्टि हो गई है। जबकि आठ लोगों को निगरानी में रखा गया है। 
इस वायरस के फैलने का कारण बहुत अलग है। चमगादड़ जिस पेड़ पर रहते है वे उसके फलों को संक्रमित करते है और जब उस फल को कोई जानवर या मनुष्य खा लेता है तो उस पर निपाह वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इंसानों या जानवरों को इस बीमारी को दूर करने के लिए अभी तक कोई इंजेक्शन नहीं बना है। सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन एंसेफ़्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग़ को नुक़सान होता है। निपाह वायरस के रोगी 24-48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकता है।  
केंद्र सरकार ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए विशेषज्ञों का एक दल केरल भेजा है। निपाह वायरस के कारण सबसे पहले कोझिकोड जिले में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हुई थी। इस परिवार का इलाज कर रही नर्स ने भी तेज बुखार के कारण दम तोड़ दिया। जबकि नजदीकी मलप्पुरम जिले में भी इन्हीं लक्षणों के साथ पांच लोगों के मरने की सूचना है। ये एक संक्रामक बीमारी है जो एक से दूसरे तक फैलती है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि प्रभावित इंसान, जानवर या चमगादड़ के संपर्क में ना आएं। साथ ही गिरे हुए फलों को खाने की भी सलाह नहीं दी जाती है। सावधानी ही बचाव है। 
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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल के निदेशक को निर्देश दिया कि वे प्रभावित जिलों का दौरा कर आवश्यक कदम उठायें। इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक के नेतृत्व में एक मल्टी डिसिप्लीनरी टीम का गठन किया है। इसके साथ ही केरल राज्य को हाई अलर्ट पर रखा गया है और यहां दो नियंत्रण कक्ष खोले गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक निपाह वायरस एक नए तरह का जूनोसिस (ऐसी बीमारी जिसे जानवरों से इंसानों में पहुंचाया जा सकता है) है।  
इस बारे में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने बताया, "स्वास्थ्य विभाग ने सभी तरह की सावधानी बरती हुई है। चमगादड़ से फैलने वाले इस वायरस से अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है और एक का इलाज चल रहा है। आठ अन्य लोगों के भी वायरस से संक्रमित होने की आशंका है, जिन पर निगरानी रखी जा रही है। यह वायरस शरीर के साथ सीधे संपर्क में आने के कारण तेजी से फैल रहा है।" 
वर्ष 2001 में भारत में आया था पहला मामला
 
निपाह वायरस का पहला मामला भारत में वर्ष 2001 में पश्चिम बंगाल में सिल्लीगुड़ी जिले में सामने आया था। वहीं इस वायरस का दूसरा मामला पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में साल 2007 में सामने आया था। ये दोनों जिले बांग्लादेश के बॉर्डर से करीब हैं। निपाह वायरस का ये तीसरा मामला केरल में सामने आया है।
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निपाह वायरस के लक्षण 
♦ वायरस से प्रभावित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आती है।
♦ तेज बुखार और दिमाग में जलन।
♦ मस्तिष्क की सूजन।
 आलस आना।
♦ भूल जाना।
♦ कोमा में चले जाना
♦ उलझन (कनफ्यूजन रहना)
सही समय पर इलाज नहीं होने की स्थिति में संक्रमित व्यक्ति की मौत हो जाती है। संक्रमित व्यक्ति को आईसीयू में रखकर इलाज किया जाता है।  
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