'मण्‍डल रेल प्रबंधक कार्यालय से कमीशन मांगा जाता है, इसलिए गेटमैन के शौचालय पर लगा है ताला'

Update: 2019-10-03 14:02 GMT

लखनऊ। ''मण्‍डल रेल प्रबंधक कार्यालय से कमीशनखोरी के चक्‍कर में आज तक स्‍टेशन अधीक्षक को शौचालय हैण्‍डओवर नहीं किया गया, ताला लगाकर चले गए हैं।'' यह बात बाराबंकी के सफेदाबाद रेलवे स्‍टेशन के अधीक्षक अशोक कुमार पाण्‍डेय गांव कनेक्‍शन से कहते हैं। वो इस बात से नाराज हैं कि रेलवे फाटक 180A और 181A पर गेटमैन के लिए दिए गए शौचालय पर ताला लगा हुआ है।

वो आगे कहते हैं, ''शौचालय बस रखा हुआ है, जहां कहा गया वहां लगाया भी नहीं गया। पानी की सप्‍लाई भी नहीं है।'' अशोक कुमार पाण्‍डेय जिस शौचालय की बात कर रहे हैं उस शौचालय पर लगे ताले को लेकर गांव कनेक्‍शन ने इसी साल फरवरी में खबर की थी। उस वक्‍त गेटमैन अनुज मिश्रा ने नए आए शौचालय पर कहा था, ''यह तो अभी आया है। इसकी चाभी पता नहीं किसके पास है। सुनने में आता है कि बहुत वीआईपी शौचालय है।'' अब जब अनुज मिश्रा से बात की गई तो वो कहते हैं, ''शौचालय तो अब भी बंद पड़ा है। उसका हम इस्‍तेमाल नहीं करते। वैसे वो इस्‍तेमाल करने लायक है भी नहीं।''

शौचालय का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्‍वकांक्षी योजना स्‍वच्‍छ भारत अभ‍ियान से जुड़ा हुआ है। इसी दो अक्‍टूबर 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने यह ऐलान भी किया कि, ''ग्रामीण भारत ने खुद को खुले में शौच मुक्‍त कर दिया है।'' हालांकि सफेदाबाद के रेलवे फाटक पर शौचालय पर लगे ताले इस बात की पोल खोलते हैं।

गेटमैन के शौचालय में लगा ताला।

स्‍टेशन अधीक्षक अशोक कुमार पाण्‍डेय कहते हैं, ''स्‍टेशन पर शौचालय है ही नहीं। 150 मीटर दूर यह दो शौचालय दिए गए हैं, उसपर भी ताला लगा हुआ है। स्‍टेशन अधीक्षक को आजतक इसकी चाभी हैण्‍डओवर नहीं की गई है। चाभी हैण्‍डओवर करने के लिए अफसर कमीशन लेना चाहते हैं।''

इसी साल 31 जनवरी को मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग को देश से पूरी तरह खत्म करने का दावा किया गया था। अंतिम मानवरहित क्रॉसिंग इलाहाबाद मंडल में बची थी, जिसे खत्‍म करते हुए वहां रेलवे की ओर से एक पत्‍थर लगाया गया है। इस पत्‍थर पर लिखा है, 'आज दिनांक 31-01-2019 को इलाहाबाद मंडल के चुनार-चोपन रेलखंड के मानव रहित रेलखंड सं. 28-सी को बंद किया गया। यह भारतीय रेल के ब्रॉड गेज तंत्र के उन 4605 समपारों में से अंतिम मानवरहित समपार है, जो भारतीय रेलवे ने अपने अथक प्रयासों से पिछले 15 महीनों में हटाए हैं।'' यानी देश में कोई भी मानवरहित क्रॉसिंग नहीं बची है।

संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भी इसका ऐलान किया था। उन्‍होंने कहा था, ''देश की रेलवे लाइनों पर सभी मानवरहित क्रॉसिंग को खत्म कर दिया गया है, इससे इन ट्रैक्स पर होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगी है।'' हालांकि, जिन लोगों (गेट मैन) पर इन दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने की जिम्‍मेदारी है उन्‍हें अपने कार्य स्‍थल पर सुविधाओं के नाम पर ज्‍यादा कुछ नहीं मिला है।


सुविधाओं को लेकर गेटमैन अनुज कुमार मिश्रा ने गांव कनेक्‍शन से बताया था, ''हमारी आठ घंटे की ड्यूटी है। कई बार 12-12 घंटे भी काम करना होता है, लेकिन फिलहाल उसका कोई पैसा नहीं मिलता। हां, अगर दो बार 12-12 घंटे काम कर लें तो उसके बदले एक दिन की छुट्टी जरूर मिल जाती है।'' अनुज कुमार मिश्रा ने कहा था, ''इस काम में मेहनत बहुत है। हमेशा चौकन्‍ना रहना है, हमें पेशाब जाने की भी फुर्सत नहीं मिलती।''

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