धान की एमएसपी में 53 रुपए की बढ़ोतरी, 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी तय

सरकार ने खरीफ की इन 14 फसलों के लिए लागत का कम से कम डेढ़ गुना एमएसपी देना सुनिश्चित किया गया है। साथ ही तीन लाख रुपये तक के शॉर्ट टर्म लोन चुकाने की अवधि भी बढ़ा दी गई है।

Update: 2020-06-02 07:41 GMT
केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 की खरीफ फसलों के लिए नए न्यूनतम समर्थन मूल्य का किया ऐलान। फोटो : गाँव कनेक्शन

केंद्र सरकार ने खरीफ की 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का ऐलान किया है। सरकार ने खरीफ की इन 14 फसलों के लिए लागत का कम से कम डेढ़ गुना एमएसपी देना सुनिश्चित किया गया है। साथ ही तीन लाख रुपये तक के शॉर्ट टर्म लोन चुकाने की अवधि भी बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार ने किसानों के हितों से जुड़े कई फैसलों पर मुहर लगाई है। इन फसलों के एमएसपी में फसल की लागत का 50 से 83 फीसदी तक का मुनाफा शामिल किया गया है।

खरीफ सीजन 2020-21 के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 53 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 1868 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य तय किया गया है। इसके अलावा दलहन, तिलहन और अनाज के न्यूनतम समर्थन मूल्य की दरें भी बढ़ा दी गयी हैं।

ज्वार हाईब्रिड के समर्थन मूल्य में 70 रुपए की बढ़ोतरी करते हुए 2620 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी तय की गयी है। इससे पहले 2019-20 में यह समर्थन मूल्य 2550 रुपए प्रति क्विंटल था। इसके अलावा बाजरे का समर्थन मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। इसके मूल्य में 83 फीसदी का मुनाफा बढ़ाया गया है। कपास के समर्थन मूल्य में 260 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करते हुए वर्ष 2020-21 के लिए 5515 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया गया है।

इसके अलावा मक्के की लागत में 53 फीसदी, तुर (अरहर) में 58 फीसदी, उड़द में 64 फीसदी और रागी, मूंग, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन, टिल, रामतिल की लागत में 50 फीसदी की बढ़ोतरी कर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है।  

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इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्ष 2020-21 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई और लॉकडाउन के समय में भी किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने किसानों की राहत देते हुए तीन लाख रुपए तक के लघु अवधि के फसली ऋणों के भुगतान की तिथि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई। इस योजना के जरिये फसली ऋण चुकाने वाले किसानों को बैंकों की ओर से दो प्रतिशत सब्सिडी के अलावा तीन प्रतिशत शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन दिया जाता है।

इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से गेहूं समेत रबी की फसलों की एमएसपी पर हुई खरीदी पर भी जानकारी दी। मई 2020 तक गेहूं की खरीदी 359.78 लाख मीट्रिक टन हुई, जो पिछले वर्ष 342 लाख मीट्रिक टन थी। जबकि धान की खरीदी 95.93 लाख मीट्रिक टन और दलहन व तिलहन फसलों की खरीदी 16.07 लाख मीट्रिक टन हुई।  

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