जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्छेद-370 हटने पर पाकिस्‍तान ने क्‍या कहा?

Update: 2019-08-07 13:58 GMT

जम्‍मू कश्‍मीर में अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अनुच्छेद-370 को खत्म करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान तिलमिला उठा है। इस मुद्दे को लेकर बुधवार सुबह पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की। इसमें अध्यक्षता की। इस बैठक में पाकिस्तान की सेना के तीनों प्रमुख मौजूद रहे।

पाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने निम्‍नलिखित कार्रवाई करने का फैसला किया

1. भारत के साथ राजनयिक संबंधों को घटाने का फैसला पाकिस्‍तान ने किया है।

2. पाकिस्‍तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को रोक दिया है।

3. पाकिस्‍तान भारत के साथ द्विपक्षीय व्यवस्था की समीक्षा करेगा। 

क्‍या है आर्टिकल 370?

भारत में विलय के बाद जम्मू-कश्मीर की सत्ता शेख अब्दुल्ला ने संभाली। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक संबंध को लेकर बातचीत की। इस बातचीत के बाद में संविधान के अंदर आर्टिकल 370 को जोड़ा गया। आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। इसके मुताबिक भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के मामले में सिर्फ तीन क्षेत्रों- रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए कानून बना सकती है। इसके अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए।

क्या है आर्टिकल 35ए?

35ए को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से संविधान में जोड़ा गया था। आर्टिकल 35ए जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के 'स्थायी निवासी' की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को कुछ खास अधिकार दिए गए हैं। अस्थायी नागरिक जम्मू-कश्मीर में न स्थायी रूप से बस सकते हैं और न ही वहां संपत्ति खरीद सकते हैं। इसके अलावा नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी और छात्रवृत्ति भी नहीं मिल सकती है। वे किसी तरह की सरकारी मदद के हकदार भी नहीं हो सकते हैं।

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