पैरा एथलीट की बार-बार गुजारिश पर भी नहीं बदली गई सीट, ट्रेन की फर्श पर किया सफर

Update: 2017-06-11 13:27 GMT
पैरा एथलीट सुवर्णा राज

लखनऊ। मोदी सरकार जब 2014 में सत्ता में आई तो विकलांगों के लिए शब्दावली से लेकर कई नई योजनाएं भी बनाई गईं लेकिन इनकी तह पर जाने पर कड़वी हकीकत का पता चलता है।

जब दिल्ली की शाहदरा निवासी इंटरनेशनल पैरा एथलीट सुवर्णा राज ने देश के लिए मेडल जीते तो पूरे देश ने उन पर गर्व किया , टीवी मीडिया, प्रेस वाले आपका इंटरव्यू लेने आए और सरकारों ने ईनाम राशि की घोषणा की लेकिन बीती रात जब ट्रेन में सफर करते हुए पोलियोग्रस्त सुवर्णा ने नीचे की बर्थ की गुजारिश की तो यात्रियों से लेकर रेलवे अथॉरिटी तक के कानों में जूं नहीं रेंगी।

सुवर्णा ने इस पूरी घटना की जानकारी के लिए रेलमंत्री को ट्वीट भी किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि मैं व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती हूं। ऐसे में मैं अपर बर्थ पर कैसे जा सकती हूं। मैंने इस संबंध में ट्रेन में मौजूद गार्ड और टीटीई से भी शिकायत की, लेकिन उनकी ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया। कृपया आप मेरी मदद करें।

गांव कनेक्शन से बात करते हुए सुवर्णा ने बताया, शनिवार रात करीब पौने नौ बजे नागपुर से गरीब रथ में दिल्ली के लिए सफर करने चढ़ी, हैंडीकैप कोटे से रिजर्वेशन कराया था लेकिन मुझे अपर बर्थ (ऊपर की बर्थ) अलॉट की गई। मैंने नीचे की बर्थ के लिए टीटीई से कई बार गुजारिश की लेकिन वो आया ही नहीं। एक बार आया तो भी बर्थ नहीं बदली। यहां तक कि साथी यात्रियों से भी कहा लेकिन मुझे अनसुना कर दिया गया।

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ट्रेन सुबह दस बजकर बीस मिनट पर हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पहुंची और करीब 12 घंटे से भी ज्यादा का सफर सुवर्णा को फर्श पर व्हील चेयर पर बैठे हुए करना पड़ा। सुवर्णा इस पर कहती हैं, आप सोच सकते हैं कि कितनी मुश्किलों से मैंने सफर किया मैं रात भर वॉशरूम नहीं जा पाई, ठीक से सो नहीं पाई। मुझे बेडरोल भी रेलवे वाले गंदा और बगैर धुला हुआ देकर चले गए। सुरेश प्रभु को खुद इस कोच की यात्रा करनी चाहिए ताकि असुविधाओं को खुद देख सकें।

रेलवे के रवैये से नाराज सुवर्णा कहती हैं कि आप चाहे कितनी बार देश को गर्व करने का मौका दे चुके हों लेकिन वक्त पड़ने पर आपको हमेशा एहसास कराया जाता है कि आप डिसेबल्ड हैं।

सुवर्णा राज थाईलैंड के पैरा टेबल टेनिस ओपन 2013 में दो मेडल जीत चुकी हैं और साउथ कोरिया के ऐशियन पैसरा गेम्स मे भी भाग ले चुकी हैं। सुवर्णा के पति प्रदीप राज जो एक पैरा-ओलंपिक टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं उन्होंने पूरी घटना का जिक्र सोशल मीडिया पर किया। साथ ही दिव्यांगों के अधिकारों के लिए अभियान चलाने की बात कही।

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