प्रधानमंत्री मोदी ने फोनी प्रभावित राज्य ओडिशा का किया हवाई सर्वेक्षण, हर संभव मदद का दिया भरोसा
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में चक्रवात फोनी के कारण हुई क्षति का आकलन करने के लिए सोमवार को हवाई सर्वेक्षण किया। ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पीएम मोदी की अगुवानी की। इसके बाद उन्होंने चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित पुरी और अन्य प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण के बाद पीएम मोदी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ओडिशा के लोगों और मछुआरों ने सरकारी आदेश का पालन किया इसलिए नुकसान कम से कम हुआ। राज्य और केंद्र का भी आपस में संवाद और सामांजस्य बहुत बेहतर रहा, जिससे हम इससे बेहतर ढंग से निपट पाए। अब दोनों सरकारें मिलकर विस्थापित 12 लाख लोगों को पुनः बसाने में सहायता करेंगी।
India stands in solidarity with the people of Odisha. https://t.co/rP7P4U7EEs
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) May 6, 2019
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ट्वीट किया था, "कल सुबह ओडिशा जाऊंगा। यहां मैं चक्रवात फोनी के कारण पैदा हुई स्थिति की समीक्षा करूंगा और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा। केंद्र राहत एवं बचाव कार्यों में हर संभव सहायता करने को लेकर प्रतिबद्ध है।" प्रधानमंत्री ने शनिवार को मुख्यमंत्री से फोन पर भी बात करके फोनी के बाद की स्थिति पर चर्चा की थी और केंद्र से लगातार समर्थन का भरोसा दिलाया था। एक अधिकारी ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण से लौटने के बाद प्रधानमंत्री राज्य में राहत और पुनरुद्धार कार्यों की समीक्षा करेंगे।
Will be in Odisha tomorrow morning, where I will review the situation due to Cyclone Fani and hold meetings with top officials. The Centre is committed to provide all possible assistance in relief and rehabilitation measures underway.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) May 5, 2019
प्रधानमंत्री को सोमवार को पश्चिम बंगाल और झारखंड में तीन चुनावी रैलियों को भी संबोधित करना है। ओडिशा के तट पर पिछले शुक्रवार पहुंचे चक्रवात फोनी के कारण कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई थी। इस तूफान के कारण लगभग 12 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर विस्थापित किया गया था। तूफान के चले जाने के बाद अभी भी कई क्षेत्र बिजली और पानी के संकट से जूझ रहे हैं।