नवजातों की सलामती के लिए 150 साल पुराने सरकारी अस्पताल में हुआ हवन, जांच के आदेश

Update: 2017-07-26 13:52 GMT
हवन पूजन करते डॉक्टर और स्टाफ।

लखनऊ। प्रसूति वार्ड में हो रही मौतों के बाद हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में हवन-पूजन कराया गया। मां और उनके बच्चों के कल्याण के लिए सोमवार को ये कार्यक्रम हुआ। हवन का आयोजन वरिष्ठ डॉक्टर और कर्मचारियों के सहयोग से किया गया।

150 साल पुराना गांधी अस्पताल तीन वार्डों से शुरू हुआ था। आज यहां 1,800 बेड हैं। अस्पताल लगभग 130 प्रतिशत तक भरा रहता है। इससे एक मेडिकल कॉलेज भी अटैच है और प्रबंधन का दावा है कि यहां आंध्र प्रदेश का पहले ओपन हार्ट सर्जरी केंद्र है। यहां के प्रसूति वार्ड में कुछ महीने पहले प्रतिदिन 25 से 30 डिलिवरी होती थी। हाल ही में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार ने गर्भवती माताओं के लिए 'केसीआर किट' पेश किया जो तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता द्वारा पेश की गई एक योजना के समान था।

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किट में एक नवजात शिशु के लिए कुछ पैसे और सामान होते हैं। योजना के बाद अस्पताल में प्रसव की संख्या लगभग दोगुनी हो गई। लेकिन हाल के ही कुछ सप्ताहों में अस्पताल में कम से कम आधा दर्जन से ज्यादा नवाजातों की मौत हो गई, तब प्रशासन का इस ओर ध्यान गया। गांधी अस्पताल के उप अधीक्षक एन नरसिम्‍हा राव ने कहा कि हाल की मृत्यु दर पहले की तुलना में अधिक नहीं हैं लेकिन हम इसके प्रति लापरवाह नहीं हो सकते।

ट्रेंडिंग न्यूज के अनुसार 4 घंटे हुए महामृत्युंजय जाप में भाग लेने वाले डॉक्टरों का कहना है कि ये पूजा दैवीय आशीर्वाद पाने और माताओं, नवजात शिशुओं के लंबे जीवन के लिए था। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल प्रमुख ने पूजा के लिए मंजूरी दी थी। लेकिन यूनियनों और मीडिया से आलोचना के बाद मामले की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। राव ने कहा कि हम इस तरह के किसी काम को प्रात्याहित नहीं करते। मामले की जांच की जा रही है।

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रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल के अधीक्षक ने कहा है कि आगे से अस्पताल में इस तरह के अनुष्ठानों का आयोजन नहीं होगा। प्रसूति एवं स्त्री-विज्ञान विभाग के प्रमुख हरि अनुपमा ने यह स्पष्ट किया कि पूजा सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं थी। "कुछ नर्सों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, कुछ रोगियों ने इसमें भाग लिया। हमने पैसे, स्वैच्छिक दान से एकत्र किए थे।

2015 में राज्य जब सूखे की चपेट में था तब मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भव्य तरीके से 5 दिन की पूजा आयोजित की थी। उस समय इस मामले ने काफी सुर्खियों बंटोरी थीं। इस पूजा में मुख्यमंत्री ने पांच दिन में 7 करोड़ रुपए खर्च किए थे, पूजा के लिए 1,100 पुजारी आए थे। बारिश के लिए पुजारियों ने हवन किया था। जब इस मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरा था।

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