मुजफ्फरपुर: अस्पताल के ICU में भीड़ पर लगी रोक, सोशल मीडिया पर चल रही थी मुहिम
मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार की चपेट में आने से 110 से अधिक बच्चों की जान चली गई है। इस बुखार की वजह से मासूम बच्चे अभी अस्पताल में तड़प रहे हैं। इस बीमारी के दौरान मरीजों को शोरगुल से दूर रखा जाता है। ऐसे में मुजफ्फरपुर अस्पताल के अंदर मीडिया, नेता और परिजनों की भारी भीड़ लग रही है। इसे देखते हुए प्रशासन ने आईसीयू में नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है।
'एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम' यानी 'चमकी बुखार' दरअसल एक तरह का मस्तिष्क ज्वर होता है। इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से करीब 1 से 8 साल के बीच की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में ज्यादा आते हैं। गौरतलब है कि बीते दिनों अस्पताल में भीड़ बढ़ने के कारण लोग आईसीयू तक में आने लगे थे। कई नामी मीडिया आईसीयू में माइक लेकर हो हल्ला करते हुए नजर आए।
मुजफ्फरपुर: "बच्चा लोग की डेड बॉडी उठाते हुए हाथ कांपने लगता है''
ऐसे में लोग सोशल मीडिया पर इस बात का पूरा विरोध किया। इसके बाद हरकत में आई प्रशासन ने आईसीयू में डॉक्टर, नर्स और एक तीमारदार के अलावा किसी और जाने की अनुमती नहीं देने के लिए एक सूचना चस्पा कर दी है।
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बिहार में AES के प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए बाल रोग विशेषज्ञों और पैरामेडिकल की 5 केंद्रीय टीमों को नियुक्त किया। मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से हो रही बच्चों की मौत को लेकर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों के साथ बैठक की। इसमें ऐसे मामलों के अध्ययन और इन्हें रोकने के लिए अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों का एक स्थायी समूह बनाने का फैसला किया गया।