2014 से 2019 तक शहीद हुए 853 सैनिक, मारे गए 2381 आतंकी

साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से लेकर 13 फरवरी 2019 तक 853 जवान शहीद हुए हैं। वहीं, 2381 आतंकवादी मारे गए हैं।

Update: 2019-02-15 10:57 GMT

लखनऊ। जम्मू कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Blast) में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए। इस आतंकी हमले को मोदी सरकार में हुए सबसे बड़े हमले के तौर पर देखा जा रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2014 से लेकर 13 फरवरी 2019 तक 853 जवान शहीद हुए हैं।

साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से लेकर 13 फरवरी 2019 तक 853 जवान शहीद हुए हैं। वहीं, 2381 आतंकवादी मारे गए हैं। इसी समय में 2399 आतंकवादी घटनाएं हुई हैं, जिसमें 1213 नागरिकों की मौत हुई है। 1994 से लेकर 10 फरवरी 2019 तक के आंकड़ों को देखें तो इस समय अवधि में 10226 सुरक्षाबल शहीद हुए हैं। वहीं, 31860 आतंकियों को मार गिराया गया है।


मोदी सरकार के कार्यकाल में पुलवामा से पहले भी सुरक्षाबलों के कैंपों और काफिलों पर कई बड़े हमले हो चुके हैं। कांग्रेस का दावा है कि मोदी सरकार में 18 बड़े आतंकी हमले हुए हैं। मोदी सरकार में हुए बड़े आतंकी हमले इस प्रकार से हैं-

  • 18 सितंबर 2016: उरी के सैन्य कैंप पर हमला, 20 जवान शहीद
  • 29 नवंबर 2016: नगरोटा में सेना की 16वीं कोर पर हमले में सेना के 7 जवान शहीद
  • 26 अगस्त 2017: पुलवामा में हुए हमले में 8 सुरक्षाबल शहीद
  • 10-11 फरवरी 2018: जम्मू जिले के सुंजवान सैन्य कैंप पर आतंकियों के हमले में 6 जवान शहीद
  • 14 फरवरी 2019: अवंतिपोरा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद 

पुलवामा में क्‍या हुआ?

जम्मू-कश्मीर में कल अब तक के सबसे बड़ा आत्मघाती आतंकी हमला हुआ। फिदायीन हमलावर ने 350 किलो विस्फोटक से लदी गाड़ी जवानों के काफिले से टकरा दी। इसमें सीआरपीएएफ के 40 जवान शहीद हो गए। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। सीआरपीएफ के जिस काफि‍ले पर हमला हुआ उसमें 70 गाड़ियां थीं जिसमें 76वीं बटालियन के करीब 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे।  

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