नई दिल्ली। अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। इसके मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी की ओर से बनाई गई कमेटी के सदस्य वेंकैया नायडू और राजनाथ सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से शुक्रवार को मुलाकात करेंगे। आपको बता दें कि केंद्र सरकार चाहती है कि नए राष्ट्रपति का चुनाव आम सहमति से हो।
कांग्रेस नेताओं से मिलीं सोनिया
इसके मद्देनजर सोनिया गांधी ने गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। सोनिया से मिलने वाले नेताओं में मल्लिकार्जुन खड़गे, ग़ुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल शामिल थे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को बीजेपी नेताओं से मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ पर शुक्रवार को सुबह 11:00 बजे होगी।
सुषमा पर लग सकती है मुहर
राजनीतिक जानकारों की मानें तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ही एक ऐसी शख्सियत हैं जिन पर सत्ता के साथ-साथ विपक्ष के कुछ दल अपनी सहमति राष्ट्रपति पद के लिए दे सकते हैं। हालांकि अभी तक राष्ट्रपति पद के लिए किसी के भी नाम पर अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी सबसे ज्यादा चर्चा सुषमा स्वराज के नाम को लेकर हो रही है। जानकार बताते हैं कि राष्ट्रपति भवन की दौड़ में सुषमा स्वराज सबसे आगे हैं।
क्या जवाब देंगी सोनिया?
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में तय हुआ कि जब एनडीए के नेता आएंगे तो सोनिया गांधी क्या प्रतिक्रिया देंगी। कांग्रेस को उम्मीद है कि दो तरह की रणनीति के साथ एनडीए के नेता आ सकते हैं। पहला ये कि, वो कुछ नाम सुझा सकते हैं और सोनिया की राय मांग सकते हैं और दूसरा, वो कह सकते हैं कि जनमत हमारे साथ है, इसलिए हम जो भी उम्मीदवार तय करें विपक्ष को उसका समर्थन करना चाहिए। इस मुलाकात पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि एनडीए के नेता क्या बात करते हैं कि इसके आधार पर ही सोनिया जवाब देंगी। मुलाकात से पहले क्या कहा जा सकता है?
अन्य पार्टियों को भी साथ लाने की कोशिश
इसके पहले बीजेपी की टीम ने बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, और सीताराम येचुरी से फोन पर बात किया है। राष्ट्रपति उम्मीदवार पर विपक्षी सब कमेटी की बुधवार को हुई बैठक में किसी नाम पर फैसला नहीं हो पाया था। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया ने तय किया है कि वह कोई सीधा जवाब एनडीए के नेताओं को नहीं देंगी, बल्कि वे कहेंगी कि विपक्ष की 17 पार्टियों से बात करके ही कोई फैसला करेंगी। सोनिया गांधी का मानना है कि कांग्रेस पहले से इस मुद्दे पर 17 विपक्षी पार्टियों से चर्चा कर रहीं है, इसलिए सबसे बात करके ही वो फैसला करेंगी और फैसला विपक्ष का सामूहिक होगा।
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