बिहार : चूहों पर लगा अब तक का दूसरा सबसे बड़ा आरोप  

Update: 2017-09-02 19:31 GMT
प्रतीकात्मक फोटो 

लखनऊ। जो खबर आप अभी पढ़ने जा रहे है वो आपको पढ़ने में थोड़ी अटपटी जरूर लगेगी लेकिन ये खबर सोलह आने सच है। बिहार में लाखों लीटर शराब पी जाने का दोष अपने सिर लिए घूम रहे चूहों पर बिहार सरकार ने फिर एक नया आरोप लगा दिया है। बिहार के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन का कहना है कि बिहार में बाढ़ चूहों की वजह से आई है।

बिहार जल संसाधन मंत्री ने चूहे पर लगे आरोप पर अपना एक तर्क भी दिया है। द हिंदू की खबर की मुताबिक, शुक्रवार को बाढ़ का सर्वे करने के बाद उनका कहना है कि 'मुख्य नदी से बांध काफी दूर होते हैं और नदी किनारे रहने वाले लोग बांध पर मचान बनाकर उसमें अनाज रखते हैं जिससे वहां चूहे आ जाते हैं। चूहे बांध में छेद कर देते हैं जिससे बांध कमजोर हो जाता है।'

मंत्री ने अपने दिए बयान का बचाव ये कहकर भी किया कि विशेषज्ञ भी मानते हैं कि चूहे बांध को कमजोर कर देते हैं। उनका कहना है कि इस सीजन में भारी बारिश के अलावा बाढ़ को चूहों की ओर से नुकसान पहुंचाने की बात विशेषज्ञ खुद मानते हैं।

मंत्री राजीव रंजन ने बताया कि 'हमने 72 घंटों के भीतर कई जगहों पर चूहे के बिल को बंद कर लोगों को बाढ़ की चपेट में आने से बचाया है।' विभाग के मुख्य सचिव अंजनी कुमार ने भी बाढ़ के लिए चूहों को जिम्मेदार बताया है।

आरजेडी ने इस बयान को लेकर राजीव रंजन की खूब आलोचना की है।

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा, 'ये मंत्रीजी सबसे बड़े चूहे हैं। शराब भी चूहे पी रहे हैं, अनाज भी चूहे खा रहे हैं, बाढ़ भी चूहे ला रहे हैं। चूहे राज्य में इतने प्रभावशाली हो गए हैं, तो उन्हीं को सरकार में बिठा दीजिए। ऐसी सरकार देखिए, अपनी गलती चूहों के पीछे छुपा रही है।'

बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी इस तर्क से सहमत नहीं दिखे। उनका कहना था, 'पहले सदन में उन्होंने कहा था कि सारे बांध सुरक्षित हैं। अब जब लोग बाढ़ से पीड़ित हैं, तो अब वो ऐसे तर्क दे रहे हैं।'

बिहार फिलहाल बुरी तरह से बाढ़ के चपेट में है। राज्य के 21 जिले बाढ़ से बुरी तरह ग्रस्त हैं। लगभग 500 लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ का हवाई सर्वे किया था और राहत कार्य के लिए 500 करोड़ रुपए दिए थे।

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