यूपी के ग्रामीण क्षेत्र में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू, पहले दिन 7980 उपभोक्‍ताओं ने लिया लाभ

Update: 2019-11-05 13:26 GMT

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के ग्रामीण अंचल में आज से राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी व्‍यवस्‍था लागू हो गई है। पहले ही दिन प्रदेश भर में 7980 लोगों ने इस सुविधा का लाभ लिया और अपने कोटेदार को छोड़कर दूसरे कोटेदार से राशन प्राप्‍त किया है।

इस सुविधा का सबसे ज्‍यादा लाभ गोंडा में 524 लोगों ने लिया है। वहीं, सबसे कम सोनभद्र जिले में इस सुव‍िधा का लाभ उठाया गया है। सोनभद्र में सिर्फ एक राशन कार्ड धारक ने इस सुविधा का लाभ उठाते हुए किसी अन्‍य कोटेदार से राशन लिया है।

एडिशनल फूड कमिश्नर सुनील कुमार वर्मा इस सुविधा के बारे में बताते हुए कहते हैं, ''यह सुविधा 'वन नेशन-वन कार्ड' के कॉनसेप्‍ट के तहत चलाई जा रही है। वन नेशन-वन कार्ड के जरिए एक ही कार्ड से देश में कहीं से भी राशन उठाया जा सकेगा। इसी कड़ी में हम पहले उत्‍तर प्रदेश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी व्‍यवस्‍था लागू कर रहे हैं। पहले चरण में हमने 6 महीने पहले शहरों में इसे लागू किया था। शहरों में करीब 2 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं ने इसका लाभ लिया। अब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में भी इसे लागू कर दिया गया है।''


सुनील कुमार बताते हैं, ''फिलहाल जो सुविधा दी जा रही है उसके तहत आप जिले के किसी भी गांव में अपना राशन उठा सकते हैं। इसका अगला चरण होगा जिसमें जिले के लोग जिले में कहीं भी राशन ले सकते हैं, इसमें शहर और गांव दोनों शामिल होंगे। इसी तरह अगले साल फरवरी तक हम पूरे प्रदेश में ऐसी व्‍यवसथा लागू कर देंगे जिसमें प्रदेश का कोई भी उपभोक्‍ता राज्‍य में कहीं से भी राशन ले सकता है।''

कोटेदार पर हो सकती है कार्रवाई

इस सुविधा से उन उपभोक्‍ताओं को लाभ मिलेगा जो अपने कोटेदार से संतुष्‍ट नहीं है। ऐसे में वो किसी दूसरे कोटेदार से राशन ले सकेंगे। सुनील कुमार बताते हैं, हम करीब 6 महीने बाद यह भी देखेंगे कि कौन से कोटेदार से कितने उपभोक्‍ता अलग हो रहे हैं। अगर 90 प्रतिशत तक उपभोक्‍ता किसी खास कोटेदार से अलग हो रहे हैं तो इससे साफ होगा कि या तो वो राशन नहीं बांटता या फिर उसका व्‍यवहार सही नहीं है। ऐसी स्‍थ‍िति में कोटदार का लाइसेंस खत्‍म भी किया जा सकता है। 

कैसे लें इस सुविधा का लाभ

यह सुविधा केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को दी जाएगी जिनका आधार कार्ड उनके राशन कार्ड से लिंक होग। साथ ही बायोमैट्रिक पहचान स्पष्ट होने की स्थिति में ही उपभोक्ता को पोर्टेबिलिटी योजना का लाभ मिलेगा। हालांकि इस सुविधा का प्रयोग करते हुए उपभोक्‍ता केरोसिन दूसरे कोटेदार से नहीं ले सकता है। केरोसिन मूल संबंद्ध दुकान से ही लेना होगा।

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