दो रुपए के सिक्के से ट्रेन को रोक कर करते थे लूट-पाट, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Update: 2017-11-15 12:37 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर।

लखनऊ। पुलिस ने दिल्ली-हावड़ा रेलवे मार्ग पर ट्रेनों में लूटपाट करने वाले गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरोह पटरी के बीच दो रुपये का सिक्का डालकर ग्रीन सिग्नल को रेड करता था। ट्रेन रुकने पर बदमाश बोगियों में चढ़कर यात्रियों से लूटपाट कर फरार हो जाते थे। पुलिस ने लूट की चार वारदात का खुलासा किया है। बदमाशों के पास से सिक्का और तमंचा बरामद किया है।

पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रथम अमित किशोर श्रीवास्वत ने बताया कि पिछले छह माह से दिल्ली-हावड़ा रेलवे मार्ग पर ट्रेनों में लूट की शिकायतें मिल रही थीं। गिरोह दादरी और अलीगढ़ के बीच वारदात कर रहा था। शिकायत मिलने पर जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज की मदद से एक बदमाश की पहचान की गई।

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सोमवार की रात सूचना मिलने पर तिलपता कंटेनर डिपो के पास घेराबंदी कर गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी पहचान राजन और दिनेश निवासी बुलंदशहर के रुप में हुई है। गिरोह के दो बदमाश सुमित और रॉबिन अभी फरार हैं। चारों एक ही गांव के रहने वाले हैं। इनके पास से वारदात में प्रयुक्त होने वाला तमंचा और दो रुपये का सिक्का बरामद किया गया है।

ऐसे करते थे सिग्नल को लाल

  • पुलिस ने बताया कि जब कोई ट्रेन पटरी से गुजरती है तो कुछ देर के लिए पटरी के जोड़ के बीच थोड़ी सी जगह बन जाती है। इसमें रबड़ आ जाती है। मौका पाकर बदमाश पटरी के बीच में दो रुपये का सिक्का डाल देते थे। सिक्का डालते ही रबड़ भी बीच से हट जाती थी।
  • सिक्का डालने पर दोनों पटरियों को करंट का अर्थ नहीं मिलता है और अर्थ न मिलने की वजह से सिग्नल ग्रीन के बजाय लाल हो जाता था।
  • सिग्नल लाल होते ही ट्रेन चालक को लगता था कि आगे खतरा है और चालक ट्रेन को रोक देते थे। जैसे ट्रेन रुकती थी, हथियारों से लैस बदमाश स्लीपर व एसी डिब्बे में सवार हो जाते थे और लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देते थे।

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