मेजर लीतुल गोगोई के विरुद्ध सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी सिर्फ ‘स्वांग’ : उमर अब्दुल्ला 

Update: 2017-05-24 14:00 GMT
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला।

श्रीनगर (भाषा)। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ मानव ढाल के रूप में एक व्यक्ति को जीप के बोनट से बांधने वाले मेजर लीतुल गोगोई के विरुद्ध सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी को ‘‘स्वांग'' बताया।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मेजर को आतंकवाद रोधी अभियानों में उनके सतत प्रयासों के लिए हाल ही में ‘प्रशस्ति पत्र'' से सम्मानित किया, जिसके बाद अब्दुल्ला की यह टिप्पणी आई है।

उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘भविष्य में, कृपया सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का तमाशा करने का कष्ट ना उठाए। साफतौर पर जो अदालत मायने रखती है वह है जनमत की अदालत।''

एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि नौ अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में मतदान के दौरान सेना के वाहन पर एक व्यक्ति को बांधा हुआ है, इस वीडिया के सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश पैदा हो गया था जिसके कारण सेना को जांच शुरू करनी पड़ी और पुलिस को अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ा।

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अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार मानवाधिकार उल्लंघनों के मुद्दों पर दोहरे मापदंड अपना रही है।

नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जिनेवा विएना जैसी अंतरराष्ट्रीय संधियों पर तभी बात हो सकती है जब भारत दूसरों पर उल्लंघनों का आरोप लगाता है. जैसा कि हम कहते हैं वैसा करो ना कि जैसा हम करते है वैसा।''

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