8वीं तक बच्चों को फेल न करने की व्यवस्था होगी खत्म

Update: 2017-07-23 13:21 GMT
मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर।

लखनऊ। अगर आपका बच्चा ये सोचकर 8वीं की पढ़ाई कर रहा है कि भले ही पासिंग मार्क्स न मिले लेकिन अगली कक्षा में बैठने को तो जरूर मिल जायेगा तो इस सोच को बिल्कुल बदल दीजिये और परीक्षा में पास होने के लिये शुरू कर दीजिये पढ़ाई। इस व्यवस्था को लागू करने के लिये केन्द्र सरकार ने कमर कस ली है।

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केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि राज्यों के समर्थन से केंद्र जल्द ही 5वीं और 8वीं कक्षा में छात्रों के परीक्षा में फेल होने पर उन्हें उसी कक्षा में रोके जाने की व्यवस्था शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि संसद में प्रस्तावित विधेयक में, राज्यों को मार्च में पांचवीं और आठवीं के छात्रों की परीक्षा कराने की शक्तियां दी गई हैं, इसमें विफल रहने पर छात्रों को मई में परीक्षा में शामिल होने का एक आखिरी मौका दिया जाएगा।

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जावड़ेकर ने कहा कि अगर छात्र दोनों प्रयासों में फेल रहते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 25 राज्य पहले ही इस कदम के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं। उन्होंने कोलकाता में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स में 'पूर्वी क्षेत्र में शिक्षा की दिशा में आगे का रास्ता' विषय पर आयोजित चर्चा में कहा, 'हमने सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ एक संयुक्त बैठक में फैसला लिया कि हम बिना पांचवीं और आठवीं कक्षा पास किए छात्र को नौवीं में जाने की इजाजत नहीं दे सकते। हम राज्यों को शक्तियां देंगे कि वे छात्रों को रोक सकें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कक्षा एक से आठवीं तक छात्रों को नहीं रोकने की नीति से वे प्रभावित हुए हैं।

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